In Ayodhya case, Muslim side objected to hearing every day of the week: अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष ने सप्ताह के हर दिन सुनवाई पर आपत्ति जताई

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्थता के फेल हो जाने के बाद अब लगातार रोज इस केस पर सुनवाई कर रहा है। इस केस का आज चौथा दिन था। राम लला के वकील दलीलें जारी रखेंगे। इस केस के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी परंपरा भी तोड़ी। अपनी परंपरा से हटते हुये सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई करने का फैसला लिया था। सामान्यता, शीर्ष अदालत सोमवार ओर शुक्रवार को नये मामलों पर विचार करती है।
सुप्रीम कोर्ट में एक मुस्लिम पक्ष ने राजनीतिक रूप से संवदेनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सप्ताह में पांच दिन सुनवाई किए जाने का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा कि अगर इतनी जल्दबाजी में सुनवाई की जाती है तो उसके लिए न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा। मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मामले में पांच दिन सुनवाई किए जाने पर आपत्ति जताई। धवन ने पीठ को बताया, ‘अगर सप्ताह के सभी दिनों में सुनवाई होती है तो न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा। यह पहली अपील है और इतनी जल्दबाजी में सुनवाई नहीं हो सकती और यह मेरे लिए प्रताड़ना है।’ इस पर पीठ ने धवन से कहा कि उसने दलीलों पर गौर किया है और वह जल्द से जल्द जवाब देगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मामले में चौथे दिन शुक्रवार को सुनवाई शुरू की। पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं।

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