शहीद सुखदेव थापर की जन्म स्थली के सौंदर्यकरण में हो रही देरी को लेकर भूख हड़ताल जारी

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शहीद सुखदेव थापर की जन्म स्थली के सौंदर्यकरण में हो रही देरी को लेकर भूख हड़ताल जारी
शहीद सुखदेव थापर की जन्म स्थली के सौंदर्यकरण में हो रही देरी को लेकर भूख हड़ताल जारी
दिनेश मौदगिल, लुधियाना :
शहीद सुखदेव थापर की नौघरा स्थित जन्म स्थली के सौंदर्यकरण में  हो रही देरी के कारण देश भक़्त सगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा भूख हड़ताल दूसरे दिन में प्रवेश कर गई है। भूख हड़ताल के दूसरे दिन शहीद सुखदेव थापर के वंशज अशोक थापर, त्रिभुवन थापर, राकेश बुद्धिराजा, राजा ग्रोवर, विपन थापर आदि आज भूख हड़ताल पर बैठे।

भूख हड़ताल शुरू

शहीद सुखदेव थापर के वंशज अशोक थापर ने कहा कि यह देरी बिना किसी कारण हो रही है। चौड़ा बाजार से सीधा रास्ता देने में सरकारी स्तर पर जानबूझ कर अड़चने खड़ी करने के मामले पर विचार चर्चा के लिए पंचायत एकित्रत हुई और आज भूख हड़ताल शुरू कर दी गई है। इससे पहले संगला वाला शिवाला के महंत नारायण पुरी के मार्ग दर्शन व शहीद सुखदेव थापर मैमोरियल ट्रस्ट के प्रधान व शहीद सुखदेव के वंशज अशोक थापर की अध्यक्षता में आयोजित पंचायत में दो दर्जन से ज्यादा देश भक्त संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

सौतेले व्यव्हार की कड़े शब्दों में निंदा

समूह संगठनो के प्रतिनिधियो ने प्रस्ताव पारित कर समय-समय की सरकारों की तरफ से शहीद की जन्म स्थली के साथ सौतेले व्यव्हार की कड़े शब्दों में निंदा की।  अशोक थापर ने बताया कि जब नगर निगम ने जन्म स्थली के सौंदर्यकर्ण का कार्य शुरु किया था तब शहीद सुखदेव जी के 15 मई को आयोजित होने वाले जन्म दिवस से 15 दिन पूर्व ही सौंदर्यकर्ण का कार्य पूरा करने की अंतिम तारीख निश्चित की थी। अब  15 मई नजदीक आती जा रही है और  नगर निगम अधिकारी किसी न किसी कारण सौंदर्यकरण में अड़चने खड़ी कर रहे है।

भूमि एक्वायर करने की प्रक्रिया आरम्भ

वहीं दूसरी तरफ चौड़ा बाजार से जन्म भूमि को सीधा रास्ता उपलब्ध करवाने के लिए अड़चन बन रही करीब 40 वर्ग गज भूमि एक्वायर करने की प्रक्रिया आरम्भ होने के बावजूद अधिग्रहण के लिए तैनात किए गए तीन कलैक्टर बदल चुके हैं। लेकिन यह भूमि एक्वायर नहीं हुई। ऐसा लगता है कि जैसे शहीद सुखदेव के हिन्दू समूदाय से संबधित होने के चलते जानबूझ कर इस शहीद व उनकी दी गई शहादत  का अपमान किया जा रहा है। उन्होने में कहा कि अब शहीद की जन्म स्थली के साथ बार-बार हो रहा सौतेला व्यव्हार बर्दाश्त नहीं हो रहा।सब्र का बांध टूट भी चुका है। अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता दिखाई दे रहा है। अगर फिर भी सरकार कुंभकर्णी नींद से न जागी तो देश भक्त संगठनो से विचार-विमर्श कर कड़े कदम उठाए जाएंगे।
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