Horticulture Department : किसानों को बागवानी स्कीमों के बारे में जानकारी देने के लिए जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन

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विभाग एवं कम्पनियों द्वारा लगाई स्टॉल का निरीक्षण करती एडीसी वैशाली सिंह।
विभाग एवं कम्पनियों द्वारा लगाई स्टॉल का निरीक्षण करती एडीसी वैशाली सिंह।
  • बागवानी विभाग विभिन्न स्कीमों को लाभार्थियों तक पहुंचाकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए भरसक प्रयासरत : एडीसी
  • सेमिनार में लगभग 250 प्रगतिशील किसानों ने लिया हिस्सा

Aaj Samaj (आज समाज), Horticulture Department, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
बागवानी विभाग की ओर से किसानों को बागवानी स्कीमों के बारे में जानकारी देने के लिए आज गांव ढाणी बाठोठा में जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह (आईएएस) ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। सेमिनार में लगभग 250 प्रगतिशील किसानों ने हिस्सा लिया।

एडीसी ने कहा कि बागवानी विभाग विभिन्न स्कीमों को लाभार्थियों तक पहुंचाकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए भरसक प्रयासरत है। किसानों को अधिक से अधिक बागवानी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग की स्कीमों का लाभ लेने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके बाद विभाग से सम्पर्क कर विभिन्न स्कीमों का लाभ लेकर किसान अपनी आय को बढ़ा सकता है।

उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक बागवानी से जुड़ने का आह्वान किया। इस दौरान एडीसी ने विभिन्न किसानों के खेत पर जाकर निरीक्षण किया व किसानों से सब्जियों पर आने वाले खर्च व मुनाफे के बारे में विस्तृत जानकारी ली व किसानों से बागवानी तकनीक अपनाने पर जोर दिया।

बागवानी स्कीमों का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य

इस मौके पर जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार ने विभाग की ओर से चलाई जा रही स्कीमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ की जलवायु के अनुसार यहां पर सब्जी, मसाले की खेती व उनका बीज उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए बागवानी विभाग 15 हजार रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दे रहा है। इस स्कीम में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभांवित किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्कीमों का लाभ लेने के लिए सर्वप्रथम मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं।

इसके बाद किसान बागवानी विभाग के पोर्टल एचओआरटी एनईटी डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करवा कर मद का चुनाव कर के जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बाद ही स्कीम का लाभ लेने का योग्य होगा। उन्होंने बताया कि एक किसान अधिकतम सब्जी उत्पादन 2 हेक्टयर व सब्जी बीज उत्पादन 5 हेक्टयर एवं मसाले उत्पादन में 4 हेक्टयर का लाभ ले सकता है। सब्जी उत्पादन के लिए साथ में समनवित मद जैसे बैम्बूस्टेकिंग, मल्चिंग, टनल या मिनी, ड्रीप सिस्टम के साथ सब्जी लगाना अनिवार्य है तथा बीज उत्पादन मद के लिए कम्पनी एवं किसानों के बीच एग्रीमेंट होना अनिवार्य है।

इस अवसर पर विभाग एवं कम्पनियों द्वारा स्टॉल लगाई व विषेशज्ञों द्वारा तकनीकी जानकारी दी गई।

इस अवसर पर वरिष्ठ संयोजक डॉ. रमेश यादव, डॉ. विकास, डॉ. दिनेश मलिक, डॉ. सुमित मौजूद थे।

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