Home Ministry’s strictness to stop the central team in West Bengal: पश्चिम बंगाल में केंद्रीय टीम को रोकने पर गृह मंत्रालय की सख्ती

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की सरकार के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है। लगातार दोनों के बीच मे ंतल्खी दिखाई देती रही है। अब कई मामलों में दोनों सरकारों के बीच उठापटक दिखाई दी है अब कोविड-19 पर भी मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में सामन्जस्य नहीं बन रहा है। केंद्र की शिकायत है कि पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना वायरस को लेकर स्थिति का आकलन करने गई केंद्रीय टीम का सहयोग नहीं कर रही है। जबकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीम में रोका जा रहा है। वहीं, त्रृणमूल कांग्रेस ने मोदी सरकार के फैसले को केंद्रीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए पूछा कि टीमों को यूपी और गुजरात क्यों नहीं भेजा। केंद्र सरकार ने ने सोमवार को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए 6 अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 को लेकर मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य स्थानों पर हालात ”विशेष रूप से गंभीर हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस का संक्रमण और फैलने का खतरा है।

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