Himachal News : डीजल-पेट्रोल से चलने वाले कटरों के लाइसेंस बनाने पर नीति तैयार होगी: मुख्यमंत्री

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Himachal News : डीजल-पेट्रोल से चलने वाले कटरों के लाइसेंस बनाने पर नीति तैयार होगी: मुख्यमंत्री
Himachal News : डीजल-पेट्रोल से चलने वाले कटरों के लाइसेंस बनाने पर नीति तैयार होगी: मुख्यमंत्री
  • कहा- जितने पौधे लगाए दिखाए हैं, सही में लगे होते तो कोई जगह न बचती
  • पीएम मोदी और 16वें फाइनेंस कमीशन से हिमाचल के लिए ग्रीन बोनस की मांग की

Himachal News : शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अवैध कटान (Illegal felling) रोकने के लिए सरकार डीजल (diesel), पेट्रोल (petrol) से चलने वाले कटरों (cutter) के लाइसेंस (License) बनाने पर नीति तैयार होगी। जंगलों के आवरण को बढ़ाने के लिए सरकार महिला मंडलों को जंगलों को बढ़ाने की जिम्मेवारी देगी। इसके लिए उन्हें प्रोस्ताहन राशि भी दी जाएगी।

हिमाचल में वनों को आग से बचाने के लिए सरकार ने चीड़ के पौधों का रोपण बंद कर दिया है। इसके अलावा देसी आम के पेड़ों के कटान पर भी रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि कैंपा के तहत लाखों के पौधे लगाए दिखाए जाते हैं लेकिन यदि हकीकत में इतने पौधे लगाए गए होते तो हमारे पास आज कोई जगह न बचती।

मुख्यमंत्री (Chief Minister) सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) वीरवार को विधानसभा (assembly) में गैर सरकारी सदस्य कार्यदिवस पर विधायक (MLA) डा. जनकराज (Dr. Janakaraj) और सुखराम चौधरी (Sukhram Chowdhary) द्वारा जलवायु परिवर्तन (Climate change) पर नीति बनाने के संदर्भ में लाए गए संकल्प के जवाब में कही। इस संकल्प में कुल 12 सदस्य बोले जिसमें 5 सत्ता पक्ष और 7 विपक्ष के सदस्यों ने अपने विचार रखे।

मुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट दोनों सदस्यों ने अपना संकल्प वापस ले लिया। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि क्लाइमेट चेंज एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि तापमान बढ़ रहा है। हिमाचल के लाहौल-स्पीति और किन्नौर में जहां बारिश नहीं होती थी, वहां पर आज बारिश हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद वन विभाग में कई परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पालिसी बनाई है कि जो पेड़ गिरे होंगे, उन्हें गार्ड, DFO की मंजूरी से कोई भी उठा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी की छत पर पेड़ गिर जाता है तो गार्ड, डिप्टी रेंजर, DFO, कंजरवेटर को पावर दी है कि वह किसी के भी माध्यम से पेड़ को हटवा सकते हैं। इसके लिए वन कारपोरेशन की जरूरत नहीं। अगर कारपोरेशन इसे खरीदना नहीं चाहे तो पंचायत खरीद सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले साल होने वाले पौधारोपण पर नीति बनाई है कि जंगलों में 60 फीसदी पौधे फलदार लगाए जाएंगे।

भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पौधों का चयन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर खाली पड़ी जमीनों पर महिला मंडल पौधे लगाना चाहते हैं, इसके लिए सरकार महिला मंडलों को प्रोत्साहित करेगी और पंचायतों का सहयोग लेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यप्रणाली में बदलाव लाते हुए जंगलों को लगाने की जिम्मेदारी DFO, रेंजर और गार्ड की भी होगी। साथ ही कहा कि आग की घटनाओं से निपटने के लिए हर पंचायत में वन मित्र को भी लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चीड़ के पौधों की जगह अब धीरे-धीरे नए पौधे लेंगे लेकिन इसमें समय लगेगा। उन्होंने कहा कि सरकार वन विभाग में जंगलों को लगाने और उगाने के हिसाब से बदलाव करेगी क्योंकि वन विभाग का काम जंगलों को लगाना और बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और 16वें वित्तायोग से भी हिमाचल के लिए ग्रीन बोनस की मांग की है क्योंकि हमारा सारा क्षेत्र फारेस्ट लैंड में आता है और इस कारण विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। Himachal News

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