स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य 2030 तक रेबीज से मृत्यु दर को शून्य करना: डॉ. प्रतिभा वर्मा

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Health Department aims to reduce rabies mortality to zero by 2030: Dr. Pratibha Verma

जगदीश, नवांशहर : 

  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विश्व रेबीज दिवस मनाकर लोगों को किया गया जागरूक

विश्व रेबीज दिवस मनाया

सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा के दिशा निर्देशों के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. गीतांजलि सिंह और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राहों। प्रतिभा वर्मा के कुशल नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं सहित आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राहों में ममता दिवस के अवसर पर गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीका लगाया गया। इस मौके पर विश्व रेबीज दिवस मनाकर लोगों को जागरूक भी किया गया।

रेबीज से बचाव का तरीका टीकाकरण

इस अवसर पर डाॅ. प्रतिभा वर्मा ने आज मनाए जा रहे विश्व रेबीज दिवस के संदर्भ में कहा कि कुत्ते के अलावा बिल्ली या किसी अन्य जानवर के काटने से रेबीज का खतरा रहता है। रेबीज से बचाव का एकमात्र तरीका टीकाकरण है।

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने आगे कहा कि कुत्ते के काटने के तुरंत बाद नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाना और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार एंटी रैबीज टीकाकरण कराना बेहद जरूरी है, जिससे काफी हद तक रेबीज की बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक कुत्ते के काटने से होने वाले रेबीज को खत्म करने की योजना बनाई है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य वर्ष 2030 तक रेबीज से होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर लाना है। अगर सही समय पर इलाज किया जाए तो कीमती मानव जीवन को बचाया जा सकता है।

इस अवसर पर डाॅ. रितु दीप्ति सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी व आम लोग मौजूद रहे।

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