Hathras gang-rape case – insensitive UP police : हाथरस गैंगरेप मामला-असंवेदनशील यूपी पुलिस, लीपापोती करता प्रशासन

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नई दिल्ली। हाथरस की बेटी का बर्बरता से बलात्कार किया गया। अस्पताल में वह कई दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ती रही। आखिर कार मौत ने बाजी मार ली और यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 19 वर्षीय युवती ने दम तोड़ दिया। उसके शरीर के साथ बर्बरता की गई बुरी तरह से उसका बलात्कार करने के बाद उसे अधमरी हालत में पहुंचा दिया गया । उसके अपराधियों को तो सजा न्यायाल से मिलेगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है। लेकिन क्या उन लोगों को भी सजा मिलेगी जो मरने के बाद भी उसके प्रति अपने संवेदना नहीं दिखा सके। वह जो उस बेटी के साथ हुए गैंगरेप और बर्बरता की पीड़ा को महसूस नहीं कर सके यहां तक कि वह संवेदना या इस भावना से भी कोसो दूर दिखे। हाथ रस की वह निर्दोष बेटी एक ओर चिता पर जल रही थी तो दूसरी ओर वहां का पुलिस महकमा मुस्कुरात नजर आ रहा था। यह मुस्कुराहट किस बात की थी यह तो कहना मुश्किल है लेकिन इससे यह तो दिखता है कि पीड़िता के प्रति यूपी पुलिस की कोई संवेदना नहीं थी। यह शर्मसार करनेवाली तस्वीर यूपी पुलिस की सामने आई है जिसकी लीपापोती करने में प्रशासन और महकमा जुटा है।

अंतिम बार घर भी न जा सकी
गैंगरेप पीड़िता की मौत दिल्ली के अस्पताल में हुई। वहां से एम्बुलेंस में उसका शव गांव पहुंचाया गया। बताया गया कि बेटी केसाथ हुई बर्बरता को देखते हुए परिजन अंतिम संस्कार नहीं होने देना चाहते थे। वह गांव वाले पुलिस का विरोध कर रहे थे । इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई। गांव वालों का कहना था कि चाहे तो हमे मार दो लेकिन हम अंतमि संस्कार नहीं होने देंगे। इस दौरान एसपी और डीएम पीड़िता के पिता और भाई के साथ डटे रहे और उनको समझाने का प्रयास करते रहेथे। लेकिन बेटी की मां चाहती थी कि एक बार उसके शव को घर पर ले जाया जाए। बेटी की मां ने पुलिस के सामनेहाथ जोड़े और फूट-फूट कर रोने लगी। लेकिन यूपी की असंवेदनशील पुलिस ने रात में लगभग तीन बजे के आस-पास जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया।

अंतिम संस्कार के वक्त हस्ते नजर आए पुलिसकर्मी
गांव वालों का भारी विरोध था, यहां तक कि लोग एम्बुलेंस के आगे लेट गए ताकि किसी तरह पुलिस को जबरन अंतिम संस्कार करने से रोका जा सके। रात करीब 12.45 पर पीड़िता का शव दिल्ली से हाथरस पहुंचा। लगभग 2.30 बजे तक हंगामा होता रहा और गांव वालों ने एंबुलेंस को रोक कर रखा। लेकिन बाद में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर पीड़िता का शव रात 2.45 पर एंबुलेंस से ही अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया गया। हद तो तब हो गई जब एक ओर पीड़िता का शव जल रहा था तो दूसरी ओर पुलिस के कई अधिकारी बातें करते या हसते नजर आए।

केस दिल्ली ट्रांसफर करने की माांग

देश कीेसर्वोच्य अदालत में याचिका दायर कर हाथरस की 19 वर्षीय दलित बेटी के साथ हुई बर्बरता के मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई या विशेष जांच दल से कराने और इस प्रकरण को दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है। यह याचिका सामाजिक कार्यककर्ता सत्यमा दुबे ने दायर की है। याचिका में इस बर्बरतापूर्ण अपराध की जांच सीबीआई या शीर्ष अदालत या उच्च न्यायलाय के किसी पीठासीन या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल से कराने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने युवती केसाथ सामूहिक बलात्कार किया और उसके शरीर को बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया। युवती की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट थी, शरीर लकवाग्रस्त था और उसकी जीभ कटी हुयी थी। पहले इलाज के लिए उसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से बाद में उसे सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट किया गया और वहांउसने अंतिम सांस ली।

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