सरकार मिड डे मील वर्कर्स की कर रही है अनदेखी – जिला प्रधान शीमला देवी

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Government is ignoring mid day meal workers - District head Shimla Devi
Government is ignoring mid day meal workers - District head Shimla Devi

करनाल, 18अप्रैल, इशिका ठाकुर:

करनाल के लघु सचिवालय में जिलेभर की सैकड़ों महिला मिड डे मील वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया तथा अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में मिड डे मील वर्कर मौजूद रही।

मिड डे मील वर्कर्स की जिला प्रधान शीमला ने कहा

पहले भी सभी मिड डे मील वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था लेकिन बावजूद इसके अभी तक उनकी मांगों को लेकर सरकार की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। सरकार ने मिड डे मील वर्कर्स के पदाधिकारियों के साथ लगभग 6 से 7 बार बात तो जरूर की है लेकिन मिड डे मील वर्कर की मांगों का समाधान अभी तक नहीं हुआ है। यह सब देख कर लगता है कि सरकार मिड डे मील वर्कर्स की अनदेखी कर रही है। प्रदेश में पिछले करीबन 6 महीने से मिड डे मील वर्करों के मानदेय नहीं मिल रहा है और ना ही कुकिंग कोस्ट का पैसा मिड डे मील वर्करों दिया जा रहा है। लंबे समय से मानदेय न मिलने के कारण वर्करों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हैं। मिड डे मील वर्कर या तो अनपढ़ हैं या फिर अधिकतर विधवा हैं ऐसे में उनके घर में कमाने का भी कोई अन्य साधन नहीं है इस स्थिति में वह अपने घर का गुजर-बसर कैसे करें, इसलिए मजबूरन आज जिलेभर की मिड डे मील वर्कर को प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

मिड डे मिल की जिला प्रधान ने मांग करते हुए कहा कि बकाया मानदेय तुरंत जारी किया जाए तथा मिड डे मिल वर्कर्स का बढ़ाया गया मानदेय प्रत्येक महीने की 7 तारीख तक मिड डे मील वर्कर्स के खाते में डाला जाए व मानदेय 12 महीने मिलना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को खाना खिलाने के बाद किसी भी मिड डे मील वर्कर को स्कूल में रुके रहने का कोई दबाव न बनाया जाए।

मिड डे मील वर्कर्स की जिला महासचिव संतोष ने कहा कि मिड डे मील वर्कर्स के ऊपर काम का दबाव अधिक है इसके बावजूद भी उन्हें समय पर मानदेय नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि वह भी अन्य कर्मचारियों के समान काम करती हैं फिर भी उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि मिड डे मिल वर्कर्स की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाए व 2 लाख रूपये रिटायरमैंट लाभ, वर्दी भता कम से कम 2000 रूपये सालाना किया जाए। मिड डे मील वर्कर्स का मैडिकल निःशुल्क होना चाहिए।

सरकार को दी चेतावनी

मिड डे मील वर्करों को पक्का कर्मचारी बनाने तथा न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपए करने की मांग करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को तुरंत प्रभाव से लागू नहीं किया तो 28 अप्रैल को सभी मील वर्कर स्कूलों में राशन नहीं बनाएगीं और हड़ताल करके प्रदर्शन करेगी तथा यह हड़ताल आगे भी जारी रह सकती है। मिड डे मील वर्कर्स की हड़ताल से हुए नुकसान की सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।

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