भिवानी : गालवास्प कीडें का ग्वार की फलियों पर आक्रमण शुरू : डॉ. बीडी यादव

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पंकज सोनी, भिवानी:

नकदी फसल मानी जाने वाली ग्वार फसल पर गालवास्प नामक कीट ने आक्रमण करके नुकसान पहुंचना शुरू कर दिया है। ग्वार फसल पर इस कीट की गिरफ्त खंड बहल के कई गांवों में बढऩा शुरू हो गया है। कृषि वैज्ञानिकों की इस कीट पर जानकारी जानने के लिए खोज अभी जारी है, लेकिन उनका मानना है की इसकी चपेट में आने से फसल की नुकसान निश्चित है। भिवानी जिले के खंड बहल के कई गांवों में किसानों की ग्वार की फसल इस कीट से प्रभावित होनी शुरू हो गयी है। इस कीट के आक्रमण से पौधे पर फूल बनने के बाद फली बनने में रूकावट आ जाती है। यह कीड़ा ग्वार की फलियों को मणियों में तबदील कर देता है। इस सीजन में भी इस कीट का आक्रमण ग्वार फसल में फलियों पर शुरू हो गया है। लेकिन इसकी मल्टिप्लिकेशन इतनी ज्यादा होती है, इसका फैलाव शुरू होते देर नहीं लगती तथा ग्वार की पैदावार में काफी कमी आ जाती है। इस कीट के शुरूआती प्रकोप को देखते हुए कृषि विभाग बहल के तत्वावधान में हिन्दुस्तान गम एंड केमिकल्स भिवानी के सहयोग से गांव गोकलपुरा में शिविर लगाया गया।

यह प्रोग्राम खण्ड बहल के एटीएम डॉ. मदन सिंह देखरेख में किया गया तथा इसकी अध्यक्षता ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने की। गोष्ठी के दौरान ग्वार विशेषज्ञ ने किसानों को इस कीड़े की पूरी जानकारी दी तथा कहा कि अगर किसानों ने इसका उचित समय पर बचाव नहीं किया तो यह नुकसान काफी और बढ़ सकता है। डॉ. यादव ने बताया की गालवास्प से बचने के लिए 400 मि.ली. रोगोर 30 ई.सी. तथा 150 मिली कोन्फीडोर 17.8 ई.सी. प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोल कर फसल पर छिडक़ाव कर इस कीट को काफी हद तक नियंत्रण कर सकते है अगर आगे इस कीट का प्रकोप जारी रहता है तो अगला स्प्रे 12-15 दिन के बाद दुबारा करें। इस कीट के प्रकोप को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि कृषि अधिकारी व कृषि वैज्ञानिक के संर्पक में रहें और समय समय पर सही जानीकारी लेते रहें। गोष्ठी के बाद ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने लाडावास, बिदनोई, सोरडा कदीम आदि गांव का सर्वे किया कि इस कीट का शुरूआती प्रकोप देखने को मिला। डॉ. मदन सिंह ने किसानों को सलाह दी कि विक्रेता से दवाई खरीदते समय पक्का बिल अवश्य ले तथा दवाई की बोतल पर समाप्ति तिथि की अवश्य जांच करें तथा बिल कटवाते समय बिल में दवाई का बैच नम्बर अवश्य डलवायें। इस शिविर में मौजूद 40 किसानों को सैम्पल के तौर पर स्ट्रैप्टोसाईक्लिन के पाऊच तथा स्प्रे के नुकसान से बचने के लिए हर किसान को कम्पनी की तरफ से मास्क दिए गये। उन्होंने किसानों को स्प्रे करते वक्त मास्क का इत्तेमाल करने पर विशेष जोर दिया। इस अवसर पर कृष्ण कुमार, विनोद, वेदपाल, संजय, संदीप पूनिया, पवन, अशोक कुमार, चत्तर सिंह, ओमप्रका तथा वीर सिंह आदि मौजूद थे।

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