रिकवरी एजेंट बनकर छीनाझपटी करने वाला गिरफ्तार Fraud By Becoming a Recovery Agent

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Fraud By Becoming a Recovery Agent
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Fraud By Becoming a Recovery Agent

प्रवीण वालिया, करनाल:        
Fraud By Becoming a Recovery Agent : पुलिस थाना सेक्टर-32/33 के अंतर्गत आने वाली पुलिस चौकी सेक्टर-9 की टीम ने रिकवरी एजेंट बनकर गाड़ी चालक को डराकर रुपये छीनने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

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आईटीआई करनाल चौक पर रोका था

शिकायतकर्ता दरप्रीत सिंह निवासी अर्बन स्टेट डुगरी लुधियाना ने शिकायत दी। इसमें उसने बताया कि 5 मार्च को वह और उसका भाई करणदीप सिंह अपनी गाड़ी में लुधियाना से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए जा रहे थे। करीब सुबह 11 बजे जब वह आईटीआई चौक करनाल के पुल के ऊपर पंहुचे तो कुछ व्यक्तियों ने उनकी गाड़ी के आगे गाड़ी और पीछे एक गाड़ी लगा ली।

दोनों गाड़ियों में से एक-एक व्यक्ति आकर उनकी गाड़ी में बैठ गए और अपने आप को कोटक महिन्द्रा बैंक के रिकवरी एंजेट बताकर गाड़ी की किस्त टूटने की बात कहकर गाड़ी को जब्त करने की बात कहने लगे। जिसके तुरंत बाद अज्ञात आरोपी उनके गाड़ी छोडने की बात कहकर 50 हजार रूपए की मांग करने लगे और हथियार दिखाकर उन्हें डराने धमकाने लगे।

डराकर 15 हजार रुपये छीन लिए

इसके बाद अज्ञात आरोपी शिकायतकर्ता को डरा धमका कर उससे उसके एटीएम से 15 हजार रुपये निकलवा कर उनकी गाड़ी से उतरकर मौका से फरार हो गये। इस संबंध में शिकायतकर्ता उपरोक्त के ब्यान पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर-32/33 में धारा 341, 379ए आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया।

मामले की आगामी तफ्तीश उप निरीक्षक शमशेर सिंह पुलिस चौकी सेक्टर-9 को सौंपी गई। दौराने तफ्तीश टीम के सहयोग से 11 मार्च को एक आरोपी सुनील कुमार पुत्र अमृतलाल करनाल को विश्वसनीय सूचना के आधार पर सेक्टर-7 एरिया से गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से वारदात में छीनी गई नगदी बरामद की गई है।

खुलासा: अन्य आरोपी भी हैं शामिल

पूछताछ में आरोपी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने बारे खुलासा किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ऐसी गाडियों की तलाश में रहते थे जिन गाड़ी मालिकों ने अपनी गाड़ी पर लोन पास करवाया होता था और किस्त जमा नही कर पाये थे। आरोपी बहाने से असल रिकवरी एजेंटो से उन गाडियों की लिस्ट ले लेते थे जिन गाडियों की किसी कारण से किस्त जमा नही हो पाती थी और इन गाडियों की डिटेल निकालकर अपनी गाडियों में सवार होकर रास्ते में ऐसी गाडियों की निगरानी करते थे।

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