Flood situation, red alert in many districts of Bihar-UP, more than 100 deaths: बाढ़ की भयावह स्थिति, बिहार-यूपी के कई जिलों में रेड अलर्ट, 100 से ज्यादा मौत

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तीनों राज्य बाढ़ ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है। यह समस्या अब विकराल हो चुकी है। स्कूल कॉलेज बंद, अस्पताल में अव्यवथा का मंजर है। राज्यों के प्रशासनिक विभाग और सरकारों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया हुआ है। उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में एहतियातन रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। अब तक इन तीन राज्यों में 100 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। हजारों लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। लोग वापस अपने शहरों और गांवों में जाने का इंतजार कर रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले एक-दो दिन तक समस्या गंभीर बनी रहेगी। तीनों राज्यों में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया जाए तो यह कई करोड़ के ऊपर हो चुका है। प्रशासन व सरकार द्वारा बाढ़ राहत राशि की घोषणा जरूर की गई है, लेकिन बाढ़ से प्रभावित लोगों के नुकसान की भरपाई इससे नहीं हो पाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नदियों के जलस्तर पर हर वक्त नजर रखने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। कहा कि नेपाल में ज्यादा बारिश होती है तो गंडक, बूढी गंडक, बागमती सहित पूरा उत्तर बिहार प्रभावित होता है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने एक अणे मार्ग में शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक की और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि 28, 29 और 30 सितंबर को नेपाल में 300 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका है। इसे देखते हुए एहतियात के तौर पर पिपरासी बांध के आस-पास के चार गांवों के लोगों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सिर्फ कम्युनिटी किचेन से काम नहीं चलेगा।

प्रभावित लोगों के बीच अधिक से अधिक राहत देने के लिए जगह-जगह राहत शिविर की व्यवस्था करनी होगी। जिन गांवों में बाढ़ का पानी चला गया है, वहां के लोगों को सुरिक्षत स्थानों पर तत्काल पहुंचाने का प्रबंध करें। उन्होंने प्रभावित इलाकों के डीएम को हर वक्त चौकस रहने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में पदाधिकारियों से कहा कि वह शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित इलाकों की वर्तमान स्थिति का जायजा लेंगे। कहा कि आपदा प्रभावित लोगों से लिए सरकार पूरी तरह सजग है। उम्मीद है इस बार भी लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भागलपुर में जलस्तर बढ़ने का क्या कारण है, इसे देखें। सिर्फ वर्षा के कारण जलस्तर नहीं बढ़ सकता है। खगड़िया में भी सचेत रहने की जरूरत है। साथ ही पटना में भी विशेष रूप से निगरानी रखें। क्योंकि 1975 और 1976 में पुनपुन नदी का पानी कई गांवों में प्रवेश कर गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार से हथिया नक्षत्र शुरू हो रहा है। यह मान्यता है कि शनिवार के दिन बारिश शुरू होती है तो तीन दिनों तक लगातार बारिश होती रहती है।

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