Election Commissioner Appointments: चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

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Election Commissioner Appointments
चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Aaj Samaj (आज समाज), Election Commissioner Appointments, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपंकर दत्ता की पीठ ने गुरुवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों को रद करने से इनकार करते हुए कहा कि वह इसमें दखल नहीं देंगे, क्योंकि इससे अव्यवस्था फैल जाएगी।

हाल ही में हुई है ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू की नियुक्ति

बता दें कि लोकसभा चुनाव-2024 से पहले हाल ही में दो चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से उनकी नियुक्ति रद करने की मांग की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने संसद से पास कानून की वैधता पर विस्तृत सुनवाई की बात कही है। कोर्ट ने इस पर जवाब के लिए सरकार को 6 सप्ताह का समय दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने उठाया सवाल

मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान जजों ने सवाल उठाया कि चयन समिति की बैठक को 15 मार्च से बदल कर 14 मार्च कर दिया गया। साथ ही, विपक्ष के नेता को सर्च कमेटी की तरफ से चुने गए नाम बैठक से कुछ देर पहले ही दिए गए, जिसके चलते वह उन पर सही तरीके से विचार नहीं कर पाए। नए कानून को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं से पीठ ने कहा, इस समय हम कानून पर रोक नहीं लगा सकते हैं। इससे अव्यवस्था और अनिश्चितता की स्थिति पैदा होगी और हम अंतरिम आदेश के माध्यम से इस पर रोक नहीं लगा सकते। नए निर्वाचन आयुक्तों पर कोई आरोप नहीं हैं।

भ्रामक विज्ञापन मामले में पंतजलि ने मांगी माफी

पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापन मामले में कंपनी व उसके एमडी आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। माफीनामे में विज्ञापन को फिर से प्रसारित न करने का भी वादा किया गया है। आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि कंपनी के मीडिया विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी।

उनका कहना है कि इसका उद्देश्य नागरिकों को पतंजलि के प्रोडक्ट का उपभोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना था। कोर्ट ने 2 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापन मामले में स्वामी रामदेव (पतंजलि के को-फाउंडर) और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने को कहा है। कंपनी और बालकृष्ण ने नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया, जिसकी वजह से यह आदेश जारी किया गया था। अब उन्हें अगली तारीख पर कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है।

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