राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल किया शुरू:शांतनु

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E-compensation portal for the welfare of farmers
E-compensation portal for the welfare of farmers

इशिका ठाकुर,कुरुक्षेत्र:
फसल क्षतिग्रस्त होने के 72 घंटों के अंदर-अंदर ई -फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करें किसान, मुआवजे की राशि सीधा किसान के खाते में होगी जमा, संबंधित पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार व एसडीएम पोर्टल पर आने वाले आवेदनों को करेंगे चैक।

नुकसान की जानकारी स्वयं दर्ज करें किसान

उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल आरंभ किया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब सीधे ही आपदा में फसलों को हुए नुकसान की जानकारी स्वयं दर्ज कर सकेंगे। जिला में हुई बरसात से जिन किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हुई है वे किसान 72 घंटों के अंदर-अंदर ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल फसल.हरियाणा.जीओवी.इन पर क्षतिग्रस्त हुई फसल की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह फसल नुकसान की स्थिति में आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक कदम है। जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व सीड विकास कार्यक्रम के तहत कवर हैं उन किसानों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।

मेरी फसल-मेरा ब्यौरा

उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर उपलब्ध करवाए गए काश्तकार के सत्यापित खाते में सीधे जमा करवाई जाएगी। इसके लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल के अलावा कही भी पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। संबंधित खसरा नंबर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व सीड विकास कार्यक्रम के तहत पंजीकृत नहीं होना चाहिए। इस पोर्टल पर किसान समय-समय पर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। पंजीकरण हेतु मोबाइल नंबर, परिवार पहचान पत्र या मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पंजीकरण नम्बर में से कोई एक अनिवार्य होगा। फसल के मुआवजे के लिए स्लैब निर्धारित किए गए है।

एमएफएमबी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी

उपायुक्त ने कहा कि पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर से लॉगिन फॉर्म से अपना-अपना लॉगिन करेंगे। वे फसल नुकसान के लिए किसान द्वारा प्रस्तुत आवेदन को देख सकेंगे। फसल हानि का प्रतिशत तथा खसरा नंबर की फोटो भरेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे। एसडीएम अपने लॉगिन फॉर्म से लॉगिन करेंगे और पटवारी, कानून व तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत किए गए बेमेल डेटा को देख सकेंगे। किसान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का पुन: सत्यापन भी संबंधित एरिया के एसडीएम द्वारा किया जाएगा। इसके लिए उसका मेरी फसल मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी पटवारियों को आदेश दिए गए है कि एक सप्ताह में भौतिक जांच कर रिपोर्ट सौंपना सुनिश्चित करेंगे। इस कार्य को सभी अधिकारी और कर्मचारी गंभीरता से लेकर निर्धारित समय में पूरा करना सुनिश्चित करेंगे।

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