अब कहीं पर भी नहीं जलाया जाएगा कोयला, खुले में कूड़ा फेंकने पर लगेगा जुर्माना
Delhi Pollution News (आज समाज), नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली सहित आसपास के एरिया में प्रदूषण के चलते हवा की स्थिति बेहद जहरीली और प्रदूषित हो चुकी है। दिल्ली सरकार पिछले कई माह से इसमें सुधार के प्रयास कर रही है लेकिन किसी तरह की कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। इसी बीच दिल्ली में एक्यूआई लगातार 350 से 400 के बीच बना हुआ है। जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
दिल्ली में ग्रेप के नियम पहले से ही लागू कर दिए गए हैं। बहरहाल किसी तरह की कोई राहत न मिलने के बाद अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने खुले में कचरा, पत्ते, प्लास्टिक, रबर या कूड़ा जलाने पर सख्ती करते हुए पांच हजार रुपए जुर्माने लगाने का फैसला किया है। पर्यावरण विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है। दिल्ली के होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे में तंदूर में कोयला-लकड़ी जलाना भी मना कर दिया गया है। यदि कोई नियमों को तोड़ता है तो सख्त कार्रवाई होगी।
इसलिए लेना पड़ा सख्त फैसला
इस फैसले संबंधी जानकारी देते हुए डीपीसीसी अधिकारी ने बताया कि लाख प्रयास के बाद भी लोग समझ नहीं रहे। उन्होंने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी बनती है कि प्रदूषण कम करने में सहयोग किया जाए। लेकिन दिल्ली के अधिकांश लोग इस मामले में सहयोग नहीं दे रहे। जिसके चलते इस तरह के सख्त निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदेशों का मकसद राजधानी में वायु प्रदूषण के सबसे स्रोत पर अंकुश लगाना है। यह कदम राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम (एनजीटी) के कई आदेशों के बाद उठाया गया है।
एनजीटी के निर्देश के बाद लिया गया फैसला
एनजीटी ने निर्दिष्ट किया था कि उल्लंघनकर्ता या इस तरह के कचरे को जलाने में मदद करने वाला कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की धारा 15 के तहत मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होगा। इसके तहत 5,000 रुपये का निश्चित जुमार्ना मौके पर वसूला जाएगा। नए निर्देश में पर्यावरण विभाग ने जिला प्रशासन में उप तहसीलदारों और उससे ऊपर के अधिकारियों के साथ-साथ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के स्वच्छता निरीक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों को जुर्माना लागू करने का अधिकार दिया है।
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