Do not play with credibility, try to connect with the media in person: विश्वसनीयता से खिलवाड़ न करें, व्यक्तिगत तौर पर मीडिया से जुड़ने का प्रयास करें

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चंडीगढ़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से गुरुवार को पंजाब यूनिवर्सिटी के आईसीएसएसआर में मीडिया-सोशल मीडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर आईटीवी नेटवर्क के प्रधान संपादक अजय शुक्ल भी उपस्थित थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। एबीवीपी के प्रांतीय सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता से कभी खिलवाड़ न करें। व्यक्तिगत तौर पर मीडिया से जुड़ने का प्रयास करें।


मीडिया से जुड़ने के दिए टिप्स
मीडिया कम्युनिकेशन (रिलेशन एंड मैनेजमेंट) सत्र के दौरान पंजाब मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार विनीत जोशी ने संगठन के सदस्यों को मीडिया से संवाद किस तरह से स्थापित करें, इस पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि मीडिया के कई रूप हैं- प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब। वर्तमान समय में वेब पोर्टल का दायरा बढ़ता जा रहा है।
वर्तमान समय की पीढ़ी वेब पर समाचार पढ़ लेती है। हालांकि सशक्त तरीके से जुड़ने के लिए समाचार पत्रों से जुड़ना जरूरी है। इसका वर्तमान समय में काफी प्रभाव है। एबीवीपी को आने वाले पांच साल तक इस पर ही ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने सदस्यों को समाचार पत्रों में अच्छी तरह से अपनी खबर प्रकाशित करने के लिए पत्रकारों से मिलने की सलाह दी। उनके संपादक, सिटी चीफ और संबंधित बीट के पत्रकार की सारी जानकारी इकट्ठा करें। अगर कोई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं तो एक दिन पहले उन्हें मैसेज, मेल और वाट्सअप करें। कार्यक्रम के दिन सुबह भी फोन करें और सालिन तरीके से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित करें। अगर आपकी खबर छोटी या बड़ी लगे तो उनका धन्यवाद जरूर करें, इससे आपकी एक अलग इमेज उनके सामने बनेगी, जो भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। उनसे हमेशा जुड़ाव बनाकर रखें।


‘तेजी से अपनी बात को रखने की कोशिश करें’
हिंदी विभाग के प्रो. डॉ. गुरमीत सिंह ने कहा कि वर्तमान दौर में लोगों से मिलना-जुलना और बातचीत करना जरूरी है। पत्रकारिता क्षेत्र में काफी समय से जुड़ा रहा हूं। इस कारण मुझे इसका अनुभव है। वर्तमान समय में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया घुल-मिल गए हैं। देश में प्रिंट मीडिया का दायरा काफी बड़ा है। हर अखबार को आप आॅनलाइन पढ़ सकते हैं। वर्तमान दौर तेजी से अपनी बात रखने का है। उन्होंने अपने विभाग का उदाहरण देते हुए बताया कि हमारे यहां कार्यक्रम के दौरान ही चित्र भेज दिए जाते हैं और हमारे प्रेसनोट एक दिन पहले ही तैयार होता है। जो कार्यक्रम खत्म होने के साथ भेज दिया जाता है। समय से चीजें उपलब्ध हो जाने पर कवरेज भी बेहतर तरीके से मिलती है। इसी सोच के साथ संगठन के सदस्यों को भी काम करने की जरूरत है। एबीवीपी के नार्थ जोन आग्रेनाइजेशन सेक्रेटरी विक्रांत खंडेलवाल ने कहा कि संगठन की क्या भूमिका है, इसे शब्दों में व्यक्त करने को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। हमारी सभी तरह की गतिविधियां लोगों के बीच जाती हैं। संगठन अपने उद्देश्यों को लेकर पिछले 70 साल से काम कर रहा है। हमारा किसी तरह का राजनीति एजेंडा नहीं है। एबीवीपी पंजाब-चंडीगढ़ के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. राजन भंडारी ने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया आम आदमी में पूरी तरह से जुड़ चुका है। हर छोटे से छोटे इवेंट को व्यक्त करने का यह जरिया बन गया है। देश के लोगों के साथ जुड़ने का इससे बेहतर तरीका कुछ नहीं हो सकता। इस कारण सभी सदस्य इस पर विशेष रूप से ध्यान देकर संगठन के लिए काम करें। इस मौके पर पंजाब-चंडीगढ़ के स्टेट सेक्रेटरी चिरांशु रतन ने भी अपने विचार सभी सदस्यों के साथ साझा किए। मौके पर संगठन के कई सदस्य उपस्थित थे।

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