यमुनानगर : फसल अवशेषों न जलाकर कृषि यंत्रों से मिट्टी में मिलाएं ताकि जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहे : डॉ. देवेन्दर सिहाग

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प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
संयुक्त कृषि निदेशक मृदा परीक्षण डॉ. देवेन्दर सिहाग ने जिला में दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम आयोजित कर उप कृषि निदेशक के कार्यालय में अधिकारियों की मीटिंग ली। इस मीटिंग में उप कृषि निदेशक डा. जसविंदर सिंह, उपमंडल कृषि अधिकारी, गुण नियंत्रण निरक्षक, सहायक संखिय्की अधिकारी व अन्य स्टाफ भी उपस्थित रहा।
मीटिंग में संयुक्त कृषि निदेशक मृदा परीक्षण डा. देवेन्दर सिहाग ने जिला में चल रही विभागीय स्कीमों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जिले में डीएपी व यूरिया खाद की स्थिति के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। जिले में 600 एमटी डीएपी व 2300 एमटी एनपीएके (12:32:16) अभी मौजूद है। रबी के सीजन में 7500 एमटी डीएपी की जरूरत पडती है। उन्होंने कहा कि अगर जिले में डीएपी खाद की कमी होती है तो किसान एसएसपी व एनपीएके (12:32:16) का प्रयोग कर सकते है। उन्होंने सरस्वती नगर खंड के गांव अम्बली में ग्राम स्तरीय सीआरएम कैप में भाग लिया व किसानो को भी संबोधित किया।
उन्होंने किसानो से आग्रह किया कि किसानों को खेतो में बचे हुए फसल अवशेषों में आग न लगा कर उनको कृषि यंत्रो से सहायता मिट्टी में मिलाए ताकि हमारी जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहे व फसलो का अधिक से अधिक उत्पादन हो सके। उन्होंने गांव अम्बली में सीएचसी का भी अवलोकन किया व खेतो में स्टार बैलर व मल्चर का भी प्रदर्शन देखा। उन्होंने कहा कि जिला में खण्ड छछरौली व सढौरा में भूमि परीक्षण के अंतर्गत प्रत्येक खेत की मिट्टी के सैंपल स्कूल व महाविद्यालय के छात्रों द्वारा व उसी गांव के बच्चों द्वारा लिए जाने है व इसके लिए उनको 40 रुपए प्रति सैंपल मानदेय दिया जायेगा।

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