Defence Ministry : सेना प्रमुख को दिया टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती का विशेष अधिकार

0
92
Defence Ministry
Defence Ministry : सेना प्रमुख को दिया टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती का विशेष अधिकार

Army Chief Rights For Terrotorial Army, (आज समाज), नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर सेना प्रमुख को प्रादेशिक सेना के सदस्यों को बुलाने के लिए अधिकृत किया है। बता दें कि वर्तमान में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Army Chief General Upendra Dwivedi) हैं। प्रादेशिक सेना नियम, 1948 के नियम 33 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत लिया गया यह निर्णय, कई कमांडों में भारतीय सेना के नियमित बलों को पूरक और समर्थन देने का प्रयास करता है।

विभिन्न प्रमुख सैन्य क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी चयनित इकाइयां

रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि यह अवतार मौजूदा 32 प्रादेशिक सेना पैदल सेना बटालियनों से लिया जाएगा, जिसमें चयनित इकाइयों को दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, उत्तरी और दक्षिण पश्चिमी कमांड के साथ-साथ अंडमान और निकोबार कमांड व सेना प्रशिक्षण कमांड (एआरटीआरएसी) सहित विभिन्न प्रमुख सैन्य क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।

प्रादेशिक सेना, नियमित सेना के लिए एक सेकेंडरी फोर्स 

प्रादेशिक सेना, नियमित सेना के लिए एक सेकेंडरी फोर्स (secondary force) के रूप में अपनी भूमिका के लिए जानी जाती है।  इसमें  स्वयंसेवक शामिल होते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय आपात स्थितियों और आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों के लिए सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त होता है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों में बढ़ा तनाव 

भारतीय सशस्त्र बलों ने इसी सप्ताह बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल दागकर उन्हें तबाह कर दिया था। भारत की इस कार्र्रवाई के दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने हमलों में पीओके और पाकिस्तान में जिन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया उनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा शामिल है।

हमले के पाकिस्तानी के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल किया 

भारतीय सशस्त्र बलों ने 7-8 मई की रात को उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले के पाकिस्तानी सेना के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया और लाहौर में एक वायु रक्षा प्रणाली को भी नष्ट कर दिया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हुआ पाकिस्तानी हमला 

पाकिस्तानी हमला 7 मई को भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हुआ, जिसमें भारतीय बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में नौ स्थानों पर मिसाइल हमले किए।  भारत ने कहा कि इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों से जुड़े आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला था जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।

ये भी पढ़ें: Ajay Banga: सिंधु जल संधि में मध्यस्थ के अलावा वर्ल्ड बैंक की कोई भूमिका नहीं