Municipal Council : निगम ने रिकवरी के लिए वीआई एजेंसी को भेजा 62.87 लाख रुपये के जुर्माना

0
555
municipal council
municipal council

प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :

Municipal Council  : एडवरटाइजमेंट फीस जमा न करवाने वाली एजेंसियों के विरूद्ध नगर निगम ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अंतिम नोटिस दिए जाने के बावजूद भी जिन एजेंसियों ने एडवरटाइजमेंट फीस जमा नहीं करवाई उनके खिलाफ निगम ने रिकवरी नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। निगम की ओर से एडवरटाइजमेंट फीस जमा न करवाने पर वीआई (वोडाफोन आइडिया) एजेंसी के विरूद्ध 62.87 लाख रुपये जुमार्ना की रिकवरी का नोटिस भेजा है। अब निगम द्वारा एडवरटाइजमेंट फीस जमा न करवाने वाली एजेंसियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई करने की तैयारी में है।

एजेंसी को अंतिम नोटिस जारी (Municipal Council )

नगर निगम आयुक्त अजय सिंह तोमर व उप निगम आयुक्त अशोक कुमार ने बताया कि एडवरटाइजमेंट फीस न जमा करवाने पर निगम की ओर से बीती 27 सितंबर को वोडाफोन एजेंसी को अंतिम नोटिस जारी किया था। जिसके जवाब में एजेंसी ने स्वयं घोषणा कर दी थी कि एजेंसी ने वर्ष 2019 और 2021 में विभिन्न तारिखों में निगम की विभिन्न साइटों पर 2360 स्केयर फुट पर होर्डिंग्स व यूनिपोल लगाए थे। इसमें जगाधरी टी प्वाइंट, बस स्टैंड एंट्री पर 28 जून 2019 से 18 जुलाई 2019 तक आइडिया, जगाधरी बस स्टैंड चौक और बस स्टैंड के सामने नौ अगस्त 2019 से 22 अगस्त 2019 तक आइडिया, जगाधरी बस स्टैंड चौक पर पांच सितंबर 2019 से 18 सितंबर 2019 तक वोडाफोन और कैंप मार्किट में तीन मार्च 2021 व 17 मार्च 2021 तक वीआई (वोडाफोन आइडिया) के होर्डिंग्स व यूनिपोल लगाकर अपना प्रचार प्रसार किया था।

हरियाणा नगर निगम एडवरटाइजमेंट(Municipal Council )

जिसकी विज्ञापन ?फीस अब तक जमा नहीं करवाई गई। हरियाणा एडवरटाइजमेंट बाईलॉज के अनुसार जब इसके जुमार्ने की गणना की गई तो वीआई एजेंसी के विरूद्ध 6287207 रुपये जुमार्ना बनता है।नगर निगम ने अब इस जुमार्ने की रिकवरी का नोटिस एजेंसी को भेज दिया है। निगमायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि बाकी सभी एजेंसियों द्वारा कार्यालय में प्रस्तुत किए गए जवाबों का अध्ययन किया जा रहा है।शीघ्र ही इस मामले में अंतिम कार्यवाही करते हुए हरियाणा नगर निगम एडवरटाइजमेंट बाईलॉज, 2018 व हरियाणा प्रिवेंशन आफ डिफेसमेंट आॅफ प्रॉपर्टी एक्ट 1999 (हरियाणा संपत्ति के विरूपण की रोकथाम अधिनियम, 1999) की धारा 3ए के तहत मामला दर्ज करने की कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। इसके अलावा मिनिस्ट्री आफ कॉपोर्रेट अफेयर्स को भी लिखा जा सकता है।

Also Read  : Diwali in Punjab : भगवान के चित्र छपे पटाखे नहीं बिकने देगी शिवसेना पंजाब : महाजन

Connect Us : FaceBook Twitter

SHARE