Composite Rehabilitation Center : कुटेल में बनेगा दिव्यांगों के लिये सीआरसी : मक्कड़

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कम्पोजिट रिहेबिलेशन सेंटर (सीआरसी) का निर्माण किया जायेगा
कम्पोजिट रिहेबिलेशन सेंटर (सीआरसी) का निर्माण किया जायेगा

Aaj Samaj (आज समाज), Composite Rehabilitation Center, प्रवीण वालिया, करनाल,13 अगस्त:
हरियाणा के दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने कहा कि जिला के गांव कुटेल में भारत सरकार की ओर से 300 करोड़ की लागत से कम्पोजिट रिहेबिलेशन सेंटर (सीआरसी) का निर्माण किया जायेगा। इसके लिये 15 एकड़ जमीन को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया जारी है। इस सेंटर में दिव्यांगों के लिये सभी तरह की सुविधायें उपलब्ध होंगी।

दिव्यांगों के लिये कोचिंग व स्वरोजगार के लिये प्रशिक्षण आदि की सुविधा

श्री मक्कड़ आज यहां पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में विभिन्न एनजीओ के पदाधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सीआरसी में दिव्यांगों को मुफ्त चिकित्सा के लिये हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसमें कृत्रिम अंगों के निर्माण के लिये कर्मशाला, उनके रखखवाव, मरम्मत, डाक्टरों के लिये आवास सुविधा, दिव्यांगों के लिये कोचिंग व स्वरोजगार के लिये प्रशिक्षण आदि की सुविधा होगी। भवन का निर्माण और मशीनें केंद्र सरकार की ओर से तथा बाकी सुविधायें राज्य सरकार की ओर से सुलभ कराई जायेंगी। एनजीओ यहां बैठकें भी आयोजित कर सकेंगी।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दिव्यांगों के लिये विशेष भर्ती अभियान शुरू किया गया है। इसमें प्रथम व द्वितीय श्रेणी के पदों के लिये दिव्यांगों को अधिकतम दस साल और श्रेणी तीन व चार के लिये 15 साल की आयु सीमा में छूट प्रदान की गई है। इतना ही नहीं अब 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांग 60 साल तक नौकरी कर सकेंगे। पहले 70 प्रतिशत दिव्यांगता वालों को ही यह सुविधा उपलब्ध थी। आयुक्त के अनुसार हरियाणा के कालेजों में कार्यरत दिव्यांग सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिये पदोन्नति अथवा सुपर स्केल के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में 5 साल की सेवा की शर्त थी जो अब हटा दी गई है। अब शहरी क्षेत्र की सेवा भी पदोन्नति के लिये मान्य होगी।

श्री मक्कड़ के अनुसार सरकार दिव्यांगों के प्रति पूरी तरह से संवेदनलशील है। शिक्षकों विशेषकर जेबीटी के स्थानांतरण के लिये बनाई गई नीति से बड़ी संख्या में दिव्यांग शिक्षकों को भी फायदा होगा। अब उन्हें घर के पास तबादला संभव हो सकेगा, इसके लिये केवल दस खंडों (ब्लाक) का चयन करना होगा। दिव्यांगों को एक जनवरी 1996 से पदोन्नति में आरक्षण दिया जा रहा है। देश के किसी भी अन्य किसी राज्य में ऐसी सुविधा नहीं है। राज्य सरकार ने 19 अप्रैल 2017 से दिव्यांगों के लिये नौकरियों में आरक्षण की बढ़ाकर तीन से चार प्रतिशत कर दिया है। इससे करीब 15 दिव्यांगों को लाभ पहुंचा है। करीब 5 हजार ऐसे दिव्यांगों के परिजनों को भी सेवा लाभ उपलब्ध कराये गये हैं जिनका निधन हो चुका है।

योजनाओं का लाभ उठाने के लिये पात्र दिव्यांगों को ऑनलाईन आवेदन करना होगा

दिव्यांगजन आयुक्त ने इस मौके पर दिव्यांग अधिकारी संघर्ष समिति, हरियाणा परिवहन कर्मचारी संघ, नई उड़ान फाउंडेशन, सेवा भारती करनाल , सक्षम जैसी एनजीके के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उनकी समस्याओं को सुना और सरकार द्वारा दिव्यांगों के कल्याण के लिये शुरू की गई योजनाओं की जानकारी दी। बताया कि योजनाओं का लाभ उठाने के लिये पात्र दिव्यांगों को ऑनलाईन आवेदन करना होगा। एक एनजीओ ने आयुक्त से कार्यालय के लिये जमीन उपलब्ध कराने की मांग की तो श्री मक्कड़ ने बताया कि सीआरसी का निर्माण होने तक एनजीओ बैठक के लिये जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय का उपयोग कर सकती है।

इस मौके पर पीएनबी के एलबीएम प्रदीप मुटरेजा, बल सिंह, करतार सिंह, बलकार सिंह आदि मौजूद थे।

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