एजेंसी,नई दिल्ली। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रक्षा अताशे के सम्मेलन में शांति और स्थिरता पर जोर दिया। उन्होंने अपने पड़ोस के साथ शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए की बात कही। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ”किसी भी तरह के उभरते खतरों से निपटने के लिए अपने मित्रों के साथ साझेदारी करना जारी रखेगी। ‘हम केवल आकार के आधार पर ही नहीं, बल्कि हमारे वृहद लड़ाकू अनुभव, हमारी पेशेवर दक्षता और अन्य गुणों के कारण दुनिया के अग्रणी सशस्त्र बलों में से एक हैं। उन्होंने कहा, ”इसी वजह से हमारे अन्य विशिष्ट लोकाचार हैं। हम अपने पड़ोस के साथ साथ वृहद क्षेत्र में भी शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम अतीत की ही तरह आगे भी किसी भी तरह के उभरते खतरों से निपटने के लिए हमारे मित्रों के साथ साझेदारी करना जारी रखेंगे। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने अपने संबोधन में समुद्री डकैतों जैसे समुद्री खतरों का हवाला दिया है जिनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर पड़ता है। उन्होंने समुद्री सहयोग बढ़ाने और विश्व में ”सामूहिक सैन्य दक्षता का लाभ उठाने की भी वकालत की। रावत ने कहा कि हर देश शांति, स्थिरता एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए ”सशस्त्र बलों या मुझे कहना चाहिए मजबूत सशस्त्र बलों को बनाए रखता है। रावत ने कहा कि ”शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को जब भी बुलाया जाए, वे तब अपने उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम हों, इसके लिए आपको एक बहुत दक्ष एवं सशक्त मानवबल, सैनिकों, नौसैन्यकर्मियों और वायुसेनाकर्मियों की आवश्यकता है। अच्छा प्रशिक्षण और अच्छी गुणवत्ता के हथियार एवं उपकरण जवानों को सशक्त करते हैं।
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