सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट ने शिमला में किया वस्त्र बैंक का आयोजन 

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Clothing Bank in Shimla
  • शिमला शहर के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया वस्त्र बैंक का आयोजन 

आज समाज डिजिटल, शिमला (Clothing Bank in Shimla): सामाजिक क्षेत्र में जनता की भलाई के लिए काम कर रहे सुनील उपाध्याय (Sunil Upadhyay) एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से एक बार फिर वस्त्र बैंक की शुरुआत की गई। राजधानी शिमला के संजौली बस स्टैंड, न्यू शिमला नजदीक अक्षरधाम मंदिर, रिज़ मैदान, शिमला एवं टुटु चौक, बस स्टैंड पर ट्रस्ट के कार्यकताओं ने वस्त्र एकत्र किए।
सर्दियों के मौसम में हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड की वजह से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह परेशानी गरीब तबके के लोगों के लिए और भी ज्यादा होती है क्योंकि उनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं होते। ऐसे में सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट की ओर से इन लोगों को कपड़े बांटे जाएंगे। ट्रस्ट इसके लिए यूनिवर्सिटी-कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ प्रदेश भर के लोगों का सहयोग लेता है।
ट्रस्ट के सचिव प्रो. सुरेन्द्र शर्मा (Secretary Prof. Surendra Sharma) ने बताया कि ट्रस्ट प्रत्येक वर्ष विभिन्न कार्यक्रम समाज एवं राष्ट्र हित में करवाता आ रहा है। हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी वस्त्र बैंक कार्यक्रम में लोगों ने भरपूर सहयोग दिया, ताकि यह वस्त्र किसी जरूरतमंद व्यक्ति के काम आ सकें। उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना एक मानव धर्म है, जिसे ट्रस्ट निभाने की पूरी कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट हर साल जरूरतमंदों की मदद के लिए शिमला में वस्त्र बैंक अभियान चलाता है। इस वर्ष भी सर्दियों को देखते हुए ट्रस्ट लोगों से पुराने कपड़े लेकर गरीबों को देने का अभियान शुरू किया गया है।
सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि संपन्न समाज के लोग कपड़े दान कर बड़ा उपकार का काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में सुधार के लिए भी काम कर रहा है। गरीब तबके से जुड़े लोगों को पढ़ाई में भी समर्थन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट ने जरूरतमंद तबके तक पहुंचकर उनकी मदद करने का काम किया। शर्मा ने कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट से जुड़ा हर कार्यकर्ता नि:स्वार्थ भाव से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है।
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