Clean Air for Haryana : प्रदूषण को लेकर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव ने ली अधिकारियों की बैठक

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अधिकारियों की बैठक लेते हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव।
अधिकारियों की बैठक लेते हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव।
  • क्लीन एयर फार हरियाणा
  • उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने जिला में किए गए प्रबंधों की दी जानकारी
  • प्रदूषण हमारे जीवन से जुड़ा हुआ मुद्दा : पी राघवेंद्र राव
  • संशोधित ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) सख्ती से लागू किया जाएगा
  • एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के स्तर के अनुसार एक्शन प्लान तैयार
  • सीएक्यूएम की नीति के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक चरणबद्ध तरीके से बंद होंगे डीजल ऑटो रिक्शा

Aaj Samaj (आज समाज), Clean Air for Haryana, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव ने कहा कि प्रदूषण हमारे जीवन से जुड़ा हुआ मुद्दा है। ऐसे में हम सबको मिलकर योजनाबद्ध तरीके से प्रदूषण पर रोक लगानी है। राज्य में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की योजना के अनुसार संशोधित ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) सख्ती से लागू करना है। श्री राव आज लघु सचिवालय में जिला महेंद्रगढ़ में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे प्रबंधन की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। इस दौरान उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिला में किए गए प्रबंधों की जानकारी दी।

एचएसपीसीबी अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव ने कहा कि क्लीन एयर फार हरियाणा के लक्ष्य के साथ राज्य में प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए विस्तृत कार्य योजना जारी कर दी गई है। आगामी सर्दी के मौसम को देखते हुए 1 अक्टूबर से संशोधित ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू है। इसे चार भागों में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 201 से 300, 301 से 400 और इससे अधिक तथा जब यह 450 के स्तर को पार करेगा तो अलग-अलग एक्शन प्लान रहेंगे।

श्री राव ने कहा कि निर्माण कार्यों के कचरे का प्रबंधन सही तरीके से किया जाए। निर्माण स्थलों से 100 फीसदी कचरा संग्रहण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं। साइट पर निर्माण धूल को कम करने के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों से निर्माण श्रमिकों, ठेकेदारों को जागरूकता किया जाए। हम सभी को सतर्क रहना होगा। वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की जांच करें।

उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि वे लगातार वन क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए कार्य करें। जहां पौधारोपण किया गया है वहां पर अधिक से अधिक सर्वाइवल रेट होना चाहिए। इस पर डीसी मोनिका गुप्ता ने बताया कि जिला में जनभागीदारी से इस बार पांच लाख पौधे लगाए गए हैं। यह एक रिकॉर्ड है।

श्री राव ने कहा कि जिला से डीजल ऑटो रिक्शा को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की योजना बनाएं। एनसीआर के लिए वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) नीति के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक डीजल ऑटो रिक्शा को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की दिशा में काम किया जाए। इनके मालिकों को सब्सिडी देते हुए ई-ऑटो पर स्विच किया जाए। अब डीजल का कोई आटो रजिस्ट्रर्ड नहीं होगा।

उन्होंने नगर परिषद तथा नगर पालिका के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिला में कहीं भी कूड़े में आग नहीं लगनी चाहिए। कोई नागरिक ऐसा करता मिले तो उस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। साथ ही कूड़े का उचित निस्तारण किया जाए।

इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह, आरओ पोल्यूशन केके यादव के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

एक्यूआई 400 से अधिक होने पर निजी निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियां रहेंगी बंद

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव ने बताया कि 201 से 300 के बीच एक्यूआई होने पर निर्माण और तोड़फोड़ (सी एंड डी) गतिविधियों में धूल जमाने के उपाय किए जाएंगे। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकृत न होने वाले 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंडों पर किसी भी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा एंटी स्माक गन से धूल को जमाया जाए।

जब 301 से 400 एक्यूआई होगा तो मुख्य सड़कों की रोजाना मशीनों द्वारा सफाई तथा मुख्य सड़कों पर पानी का छिड़काव होगा। जब एक्यूआई 400 से अधिक होगा तो राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन आदि जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधि पर पूर्ण रोक रहेगी।

उन्होंने कहा कि गतिशीलता के आधार पर एक्यूआई के 450 या उससे ऊपर पहुंचने से कम से कम तीन दिन पहले ग्रेप के चरण 4 के तहत राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन आदि सार्वजनिक परियोजनाओं में भी निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ जिला में एक्यूआई 200 से ऊपर होते ही सतर्क हो जाना है। यहां पर इससे अधिक होना ही चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि नगर परिषद व पालिका के ठोस, सीएंडडी और खतरनाक कचरे का नियमित उठाव सुनिश्चित करना होगा ताकि उनके अवैध डंपिंग को रोका जा सके।

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