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जंग खत्म करवाने रूस नहीं गए थे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, बताई ये वजह

आज समाज डिजिटल, China President Russia Visit Reason : चीने के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब रूस गए तो सबको लगा कि वे रूस और यूूक्रेन के बीच 1 साल से भी ज्यादा समय से चल रही जंग को खत्म करवाने का आग्रह करेंगे। इतना ही नहीं, ऐसा लगा मानो वे जंग को खत्म करवाकर ही आएंगे। लेकिन हुआ इसके ठीक उल्ट।

चीन ने राष्ट्रपति जिनपिंग के रूस दौरे की असली वजह कुछ और बताई और साथ ही पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद का भी विरोध जताया।

चीन ने बुधवार को जिनपिंग की रूस की यात्रा को ‘‘मित्रता, सहयोग और शांति” की यात्रा करार दिया और यूक्रेन को अमेरिका द्वारा हथियार मुहैया कराने की निंदा की। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने चीन के दावे को दोहराया कि यूक्रेन-रूस संघर्ष के मामले में वह तटस्थ रहेगा। उन्होंने कहा कि , ‘‘ चीन की यूक्रेन मुद्दे को लेकर कोई स्वार्थी मंशा नहीं है और आदर्श तौर पर इसके साथ नहीं है या इसे लाभ लेने के अवसर के तौर पर नहीं देख रहा है।”

चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी चिनफिंग की रूस यात्रा दोस्ती, सहयोग और शांति के लिए थी जिसका सकारात्मक असर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हुआ है।” उन्होंने कहा कि चीन ‘‘यूक्रेन मुद्दे के राजनीतिक समाधान के लिए सकारात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा।

इस बीच, रूस ने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात को यूक्रेन पर श्रृंखलाबद्ध तरीके से ड्रोन हमले किए जिनमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और आधारभूत अवसंरचना को नुकसान पहुंचा। यूक्रेन के संदर्भ में वांग ने कहा कि रूस और चीन इस बात पर सहमत है कि संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देश एकतरफा तरीके से अमेरिका और अन्य देशों द्वारा पुतिन और उनके वित्तीय समर्थकों द्वारा आर्थिक प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हैं।

गौरतलब है कि वांग संभवत: बीजिंग द्वारा प्रेषित 12 सूत्रीय शांति प्रस्ताव का संदर्भ दे रहे थे जिसमें संघर्ष विराम और वार्ता का आह्वान किया गया है। हालांकि, चीन द्वारा पेश इस प्रस्ताव को पश्चिमी देशों ने मोटे तौर पर खारिज कर दिया है क्योंकि बीजिंग मॉस्को का बहुत ही करीबी है और उसे तटस्थ मध्यस्थ के तौर पर नहीं देखा जाता है।

साथ ही प्रस्ताव में यूक्रेन से रूसी सैनिकों की वापसी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति के रूस दौरे के समय ही जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने यूक्रेन की यात्रा की जिसे अमेरिका का साझेदार और पूर्वी एशिया में चीन का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जाता है।

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