नई दिल्ली। भारत की चीन से लगने वाली सीमा पर कुछ दिनों से लगातार तनाव चल रहा है। चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों के अपने इलाके में गश्त करने के दौरान लाठी, डंडो और पत्थरों से हमला किया गया था। इस दौरान दोनों ओर के सैनिकों के घायल होने की खबरें आर्इं थी। जिसके बाद सीमा पर तनाव हो गया था। इस तनाव को कम करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। कई लेवल पर चीन के साथ इस संदर्भ में बातचीत हो रही है। चीन और भारत दोनों ने सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। चीन के हेलिकाप्टर भी भारतीय सेना के बिलकुन नजदीक गश्त करते देखे गए थे। लेकिन अब लद्दाख के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय से चला आ रहा विवाद कम होता न जर आ रहा है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि पूर्वी लद्दाख में गलवान समेत तीन जगहों से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गई हैं। चीन की पीपुल्स लिबेरशन आर्मी ने गलवान इलाका, पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग इलाके से अपनी सेना और वाहनों को ढाई किलोमीटर पीछे किया है। भारत ने भी अपने कुछ सैनिकों को पीछे किया है। हालिया सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई राउंड की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है। जिसके बाद दोनों देश तनाव कम करने और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद के समाधान के लिए सहमत हुए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने आगे बातचीत जारी रखने को भी कहा है। गौरतलब है कि दोनों सेनाओं के बीच उस समय गतिरोध शुरू हुआ जब भारत द्वारा गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी के साथ-साथ पेगोंग झील के आसपास फिंगर इलाके में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू किया गया और चीन ने इसका विरोध किया।
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