Children who do more mischief in childhood grow up to be kind: बचपन में ज्यादा शरारत करने वाले बच्चे बड़े होकर बनते है दयालु

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लंदन। यूनिवर्सिटी आॅफ नॉर्थ कैरोलिना और लीडेन यूनिवर्सिटी के एक शोध में पता चला है कि जो बच्चे कम उम्र में सिगरेट-शराब पीते हैं और मनोरंजन के नाम पर खतरे मोल लेते हैं वे वयस्क होते-होते काफी शांत हो जाते हैं और दूसरे के प्रति काफी दयालु हो जाते हैं। अगर आपके बच्चे भी विद्रोही प्रवृति के हैं तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार जरूरी नहीं है कि जो बच्चे किशोरावस्था में खराब व्यवहार करते हैं वे बड़े होकर भी बुरे ही बनेंगे। इस पर किया गया हालिया शोध सर्वे पर आधारित है। शोधकतार्ओं का मानना है कि सामाजिक रूप से सकारात्मक और जोखिम भरा व्यवहार दिमाग के एक हिस्से से जुड़ा हुआ है जो दोनों तरह के व्यवहार को नियंत्रित करता है। बढ़ती उम्र में बच्चों के बागी तेवरों को अभिभावक, शिक्षक, साइकोलॉजिस्ट और विशेषज्ञ द्वारा ऐसा चरण माना जाता है जहां बच्चे हर सीमाओं को मानने से इनकार करते हैं क्योंकि वह एक वयस्क बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुके होते हैं। किशोरावस्था 10 साल से शुरू होकर 19 साल तक चलती है। यह अवधि एक बच्चे से दूसरे बच्चे पर निर्भर करती है। इसी समय बच्चे अपने आस-पास की दुनिया को देखते हैं और सीमाओं को तोड़कर आगे बढ़ने की जुगत में रहते हैं।

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