Chhath Puja: खरना के दिन छठी मैया का घर में होता है आगमन, जानें खरना पूजा के दिन क्या करें क्या नहीं

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Chhath Puja: खरना के दिन छठी मैया का घर में होता है आगमन, जानें खरना पूजा के दिन क्या करें क्या नहीं
Chhath Puja: खरना के दिन छठी मैया का घर में होता है आगमन, जानें खरना पूजा के दिन क्या करें क्या नहीं

व्रत करने वाली महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है खरना का दिन
Chhath Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: नहाय-खाय से छठ महापर्व की शुरूआत होती है और दूसरे दिन खरना पूजा की जाती है। इस बार खरना 26 अक्टूबर यानी की आज किया जाएगा। यह दिन व्रत करने वाली महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि खरना के दिन ही छठी मैया का घर में आगमन होता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान और परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

छठ पर्व की धूम न केवल बिहार में देखने को मिलती है, बल्कि भारत के कई स्थानों पर इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि खरना पूजा के दिन आपको किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

खरना से जुड़ी खास बातें

खरना का अर्थ होता है, शुद्धता। ऐसे में इस दिन पर शुद्धता व पवित्रता का खास तौर से ध्यान रखा जाता है, ताकि पूजा में किसी तरह की बाधा न आए। इस दिन पर व्रती प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के नए चूल्हे का इस्तेमाल करती हैं। साथ ही चूल्हा जलाने के लिए आम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे प्रसाद की पवित्रता बनी रहती है। इस दिन पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को देवी-देवताओं और छठी मैया को भोग लगाने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।

जरूर करें ये काम

  • सुबह स्नान-ध्यान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा का प्रसाद बनाने के लिए हमेशा साफ-सुथरी जगह का चुनाव करें।
  • प्रसाद में गुड़, चावल और दूध से बनी खीर, पूरी व ठेकुआ आदि शामिल करें।
  • छठी मैया को इस प्रसाद का भोग लगाएं और फिर व्रती इसे ग्रहण करें।

भूल से भी न करें ये काम

  • व्रत के प्रसाद में भूल से भी साधारण नमक का इस्तेमाल न करें, इसके लिए हमेशा सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
  • पूजा में इस्तेमाल होने वाली किसी भी सामग्री को गंदे या जूठे हाथों से न छुएं।
  • यदि गलती से गंदे या जूठे हाथों से किसी पूजा की सामग्री को छू लेते हैं, तो इसका पूजा में इस्तेमाल न करें।
  • प्रसाद बनाते समय शुद्धता व साफ-सफाई का पूर्ण रूप से ध्यान रखें।
  • खरना का प्रसाद पूर्ण रूप से सात्विक होना चाहिए।