Charkhi Dadri News : बाढड़ा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रेरणा सभा का आयोजन, स्वामी सच्चिदानंद ने दिए जीवन निर्माण के सूत्र

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Prerna Sabha organised in Government Senior Secondary School, Badhra, Swami Sachchidananda gave the formula for life building
विद्यार्थियों को संबोधित करते स्वामी सच्चिदानंद।

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। आज आर्यवीर दल चरखी दादरी एवं सर्वहित साधना न्यास के तत्वावधान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाढड़ा में एक दिवसीय प्रेरणा सभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आर्यवीरदल के जिला संचालक एवं न्यास के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्हें माता पिता, गुरुजनों की आज्ञापालन, सकारात्मक सोच, दृढ़ निश्चय, आत्मनिरीक्षण आदि अनेक विषयों पर प्रेरक उद्बोधन दिया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शास्त्रों में सभी मनुष्यों को जितेन्द्रिय होने का उपदेश दिया है। उसका अभिप्राय यह है कि मनुष्य को किसी भी इन्द्रिय के वश में नहीं होना चाहिए अपितु इन्द्रियों को अपने वश में रखना चाहिए। एक भी इन्द्रिय मनुष्य को पथभ्रष्ट करके उन्नति के मार्ग में बढऩे से रोक देती है, फिर पांचों के वश में हुआ मनुष्य तो निश्चित रूप से विनाश को प्राप्त होगा। इन्द्रियों को मर्यादा में रखने वाला व्यक्ति ही विद्या प्राप्त कर सकता है, लक्ष्य में सफलता प्राप्त कर सकता है, व्यापार में या नौकरी में सफल हो सकता है, घर में सुख-शान्ति रख रखता है और मोक्ष को प्राप्त करने में सफल हो सकता है।

मनुष्य जब किसी एक दुर्गुण को ग्रहण कर लेता है तो धीरे-धीरे अन्य दुर्गुण भी उसमें आते जाते हैं

उन्होंने कहा कि यह अनुभव की बात है कि मनुष्य जब किसी एक दुर्गुण को ग्रहण कर लेता है तो धीरे-धीरे अन्य दुर्गुण भी उसमें आते जाते हैं, क्योंकि दुर्गुण के प्रति उसका घृणा भाव समाप्त हो जाता है। फिर धीरे-धीरे आदमी दुर्गुणों की कोठार बन जाता है। इसीलिए विचारकों ने कहा है कि हंसी में भी किसी दुर्गुण का सेवन न करो। याद रखो, एक बार मर्यादा टूटी तो फिर सभी मर्यादाएँ टूटती चली जाती हैं। इसलिए दुर्गुणों से दूर ही रहो।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य, व्यायाम शिक्षक नरेश पहलवान, प्रशांत आर्य एवं समस्त विद्यालय स्टाफ व विद्यार्थियों की उपस्थित रही।

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