Central University of Haryana : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में राजभाषा नीति एवं क्रियान्वयन पर कार्यशाला आयोजित

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कार्यशाला को संबोधित करते विशेषज्ञ कुमार पाल सिंह।
कार्यशाला को संबोधित करते विशेषज्ञ कुमार पाल सिंह।

Aaj Samaj (आज समाज), Central University of Haryana, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में राजभाषा अनुभाग व नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), महेंद्रगढ़ की ओर से राजभाषा नीति एवं क्रियान्वयन विषय पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के उपनिदेशक (कार्यान्वयन) श्री कुमार पाल सिंह विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे।

-गृह मंत्रालय के उपनिदेशक (कार्यान्वयन) कुमार पाल सिंह रहे उपस्थित

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय समय-समय कार्यशालाओं के माध्यम से कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहा है। कुलपति ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से अवश्य ही प्रतिभागियों को राजभाषा नीति को समझने व उसके कार्यान्वयन में सहायता मिलेगी। उन्होंने कार्यशाला के विशेषज्ञ का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया।

कार्यशाला की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। तत्पश्चात विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने स्मृति चिह्न भेंटकर विशेषज्ञ का स्वागत किया। विशेषज्ञ वक्ता का परिचय केनरा बैंक, गुरुग्राम के श्री मिहिर मिश्रा ने प्रस्तुत किया। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित कुमार पाल सिंह ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में राजभाषा की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। उन्होंने राजभाषा के महत्त्व और उसकी आवश्यकता का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह से राजभाषा के प्रति सजगता उपयोगी है। उन्होंने भारत के विकास में भाषा के महत्त्व का उल्लेख करते हुए कहा कि विकसित देशों को देखें तो यह स्पष्ट रूप से सामने आता है कि उनकी उन्नति निज भाषा के प्रचार-प्रसार से हुई है। फिर वो चाहे जर्मनी में जर्मन हो या फ्रांस में फ्रेंच।

भाषा के स्तर पर भारत में अंग्रेजी के उपयोग और उसके पीछे के ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख करते हुए श्री कुमार पाल ने राजभाषा के महत्त्व और उसके उपयोग के लिए कार्यशाला में सम्मिलित प्रतिभागियों को प्रेरित किया। कार्यशाला के अंत में विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि अवश्य ही विश्वविद्यालय कुलपति के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञ द्वारा दी गई जानकारी से प्रतिभागी नराकास के सदस्य कार्यालय व हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिभागी लाभांवित होंगे।

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