उपायुक्त जयकृष्ण आभीर, आईएएस ने लोगों से निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीज की मदद करने का किया आह्वान

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Called to help TB patient: Deputy Commissioner Jaykrishna Abhir
Called to help TB patient: Deputy Commissioner Jaykrishna Abhir
  • डीसी डॉ. जयकृष्ण आभीर ने 105 लाभार्थियों के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री के किट विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर भिजवाए
  • 50 किट “मिशन महेंद्रगढ़ : अपना जल” अभियान व 30 किट जिला के स्टाम्प वेंडर्स व डीड राइटर्स की तरफ से भेजे
  • किट में सोयाबीन वडी, चना, दाल, बिस्किट के साथ-साथ भोजन पकाने हेतु सरसों के तेल से भरी बोतल भी दी

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर ने आज कैंप कार्यालय से राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निक्षय मित्र योजना के 105 लाभार्थियों के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री के पोषण किट गाड़ी में भरवाकर संबंधित स्वास्थ्य केंद्र भिजवाए। 25 किट उनके सुपुत्र जयंत आभीर व जतिन आभीर की ओर से, 50 टीम “मिशन महेंद्रगढ़ : अपना जल” अभियान की ओर से तथा 30 किट जिला महेंद्रगढ़ के स्टाम्प वेंडर्स व डीड राइटर्स की ओर से तैयार करवाए गए हैं। इससे पहले भी डीसी इस अभियान के तहत किट भिजवा चुकें हैं।

इस दौरान डीसी ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र बाछोद में 31, रामपुरा में 15 तथा जिला क्षय रोग केंद्र में 29, सतनाली में 19 व माधोगढ में 11 पोषण किट भिजवाए जा रहे हैं जो टीम “मिशन महेंद्रगढ़ : अपना जल”, जिला महेंद्रगढ़ स्टाम्प वेंडर्स व डीड राइटर्स तथा जयन्त व जतिन की ओर से हैं। स्वास्थ्य विभाग में टीबी यूनिट संभाल रहे डॉ. हर्ष चौहान की ओर से आए टीबी कोआर्डिनेटर मनोज कुमार को यह किट सुपुर्द किए गए।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम में निक्षय योजना के तहत कोई भी नागरिक टीबी मरीज को गोद ले सकता है ताकि उसे प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री दी जा सके। आम नागरिकों की यह छोटी सी मदद उस मरीज को इस बीमारी से निजात दिलाने में बहुत बड़ी मदद होगी।

उपायुक्त ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में फिलहाल टीबी के लगभग एक हजार मरीज हैं। जिला रेडक्रास सोसायटी जल्द ही आमजन की भागीदारी टीबी रोगियों की मदद के लिए सुनिश्चित करने हेतु एक खाता खोलने जा रही है जिसमें वे कम से एक व्यक्ति की 6 महीने के 500×6 यानि 3000 रुपए एकमुश्त जमा कराकर निक्षय मित्र बनकर मदद सुनिश्चित कर सकते हैं जिसे रेडक्रास के माध्यम से पहुंचाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस प्रकार कोई भी नागरिक इस अभियान से जुड़ने में समर्थ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी मरीज को 6 महीने तक प्रतिमाह लगभग 500 रुपए की कीमत की खाद्य सामग्री की पोषण किट दी जाती है।

इस बार किट में सोयाबीन वडी, चना, दाल, बिस्किट के साथ साथ भोजन पकाने हेतु सरसों के तेल से भरी बोतल भी दी गई है।

ऐसे बन सकते हैं निक्षय मित्र

उपायुक्त ने बताया कि टीबी मरीजों की सहायता करने के लिए कोई भी नागरिक निक्षय मित्र बन सकता है। इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है जिस पर वह किसी भी प्रकार की सहायता के लिए अपने आप को पंजीकृत करवा सकता है।

इस कार्य के लिए सबसे पहले उसे कम्युनिटीसपोर्ट डॉट निक्षय डॉट इन पर जाना होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक करना है। फिर निक्षय मित्र पंजीकरण फार्म भरने के बाद जिस मरीज की आप सहायता करना चाहते हैं उसका चयन करें। अंत में किस प्रकार की सहायता करना चाहते हैं उसका भी चयन करें।

निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह दिए जा रहे 500 रुपए

इस संबंध में सीएमओ डॉ. धर्मेश सैनी ने बताया कि टीबी के मरीज को सरकार की निक्षय पोषण योजना के द्वारा हर माह 500 रुपए पोषाहार के लिए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा बिगड़ी हुई टीबी के मरीजों का इलाज व उपचार के दौरान फोलोअप के लिए आने पर किराया भी दिया जाता। बिगड़ी हुई टीबी के ईलाज के लिए एक मरीज का डेढ़ से दो लाख का खर्चा होता है, जो मुफ्त किया जाता है। टीबी मरीज के इलाज देने के लिए आशा वर्कर या वालिंटियर डॉट्स प्रोवाईडर को भी 1000 से 5000 तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। टीबी मरीज की सूचना देने वाले को 500 रुपए देने का प्रावधान है तथा इसके अलावा सफलतापूर्वक इलाज होने पर भी 500 रुपए दिए जाते हैं।

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