भिवानी : सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी पारद शिवलिंग की पूजा महत्वपूर्ण : श्रीमहंत अशोक गिरी

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Ashok Giri Maharaj
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पंकज सोनी, भिवानी :

स्थानीय हालुवास गेट स्थित सिद्ध पीठ बाबा जहरगिरी आश्रम में प्रदेश के एकमात्र पारद शिवलिंग की प्रतिदिन पूजा की जाती है। इसी के तहत आश्रम के पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत (जूना अखाड़ा) डा. अशोक गिरी महाराज ने श्रावण मास के पहले सोमवार को भी पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना की गई व देश की सुख-समृद्धि की कामना भगवान शिव से की। इस मौके पर डॉ. अशोक गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण माह में घर में सुख शांति के लिए प्रतिदिन पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घर में सुख शांति के लिए पर शिवलिंग की पूजा अति महत्वपूर्ण है। पारद शिवलिंग के बारे में बताते हुए श्रीमंहत ने कहा कि पारे को प्राकृतिक रूप से प्रबल ऊर्जा प्रदान करने वाला रासायनिक तत्व कहा गया है। यह भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। पारे से बने शिवलिंग को समस्त प्रकार की वस्तुओं से बने शिवलिंगों में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। ग्रंथों में पारे को संसार के समस्त राग, द्वेष, विकार का विनाशक माना गया है।

जो लोग अध्यात्म की राह पर चलना चाहते हैं, उनके लिए पारद शिवलिंग की पूजा अवश्य करना चाहिए। डा. अशोक गिरी ने बताया कि समस्त प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी पारद शिवलिंग की पूजा की जाती है। पारद शिवलिंग की पूजा से मस्तिष्क को उर्वरता प्राप्त होती है। वाक सिद्धि प्राप्त होती है। हजारों लोगों को अपनी वाणी से सम्मोहित करने की क्षमता आ जाती है। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए पारद के शिवलिंग की विशेष तौर पर पूजा की जाती है। पूजा करने से कुछ ही समय में आर्थिक स्थिति ठीक होने लगती है। जिस घर में पारद से बनी कोई भी सामग्री जैसे शिवलिंग, पारद माला, पारद का कोई पात्र आदि मौजूद हो वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती। पारद शिवलिंग से धन-धान्य, आरोग्य, पद-प्रतिष्ठा, सुख आदि भी प्राप्त होते हैं। 12 ज्योतिर्लिंग के पूजन से जितना पुण्यकाल प्राप्त होता है, उतना पुण्य पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से मिल जाता है। पारद शिवलिंग के महत्व का वर्णन ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवेवर्त पुराण, शिव पुराण, उपनिषद आदि अनेक ग्रंथों में किया गया है। इस अवसर पर बाबा कैलाशगिरी, मौनी बाबा, कामख्या गिरी, विशाल पाठक, बसंत शास्त्री भी उपस्थित रहे।

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