भिवानी : अब बलियाली का शमशान घाट भी होगा हरा-भरा, वाल्मिकी उत्थान मंच ने उठाया बीड़ा

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importance of trees
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पंकज सोनी, भिवानी :

मनुष्य ने अपने स्वार्थ के चलते पेड़ों की कटाई पर ज्यादा जोर दिया, जिसका परिणाम पर्यावरण में असंतुलन बनकर सबके सामने आया। असंतुलित पर्यावरण के चलते हवा में घुले जहर के कारण आज अनेक बीमारियां मनुष्य को घेर रही हैं। इसीलिए अब पर्यावरण संरक्षण व पेड़ों का महत्व समझते हुए लोग ज्यादा से ज्यादा पौधें लगाकर पर्यावरण को दूषित होने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत शुक्रवार को वाल्मिकी उत्थान मंच के पदाधिकारियों ने गांव बलियाली के शमशान घाट को हरा-भरा बनाने का संकल्प लिया हैं। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने 10 पौधें रोपित किए तथा इसी बरसाती मौसम में 100 ओर पौधें रोपित करने का लक्ष्य लिया गया। वाल्मिकी उत्थान मंच के संयोजक जयसिंह वाल्मिकी ने बताया कि वाल्मिकी उत्थान मंच ने समाज की कुरीतियों को मिटाने के साथ पर्यावरण को शुद्ध बनाने का बीड़ा भी उठाया हैं।

जिसके तहत स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए उनके संगठन के पदाधिकारियों ने ज्यादा से ज्यादा पौधें रोपित करने का लक्ष्य लिया है। जिसकी शुरूआत शुक्रवार से गांव बलियाली के शमशाम घाट से की गई हैं। इस दौरान शमशान घाट में पीपल, नीम, जामुन, बरगद सहित अन्य पौधें भी रोपित किए गए। उन्होंने बताया कि पदाधिकारियों ने रोपित किए जाने वाले पौधों के पेड़ बनने तक उनकी देखभाल करने की शपथ भी ली। जयसिंह वाल्मिकी ने कहा कि श़ुद्ध हवा व वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण सिर्फ हमारा कर्तव्य ही नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने किसी भी शुभकार्य की शुरूआत पौधारोपण के साथ करनी चाहिए। इससे हमें प्रकृति का आशीर्वाद भी मिलता है। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करने की अपील की। इस अवसर पर दलिप सिंह, गोविंदा, बिट्टू, जयबीर, अमनदीप, मा. सुनील, कुलबीर सिंह, संदीप वाल्मिकी, चांद मोटा सहित अनेक युवा मौजूद रहे। 

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