Bhiwani News : एक भी पशु ना छूटे-सुरक्षा चक्र ना टूटे

0
92
Not a single animal should be left out- the security circle should not be broken
भिवानी गौशाला में पशुओं का टीकाकरण करते पशु चिकित्सक व उनकी टीम।
  • पशुपालन विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर किया जा रहा है मुहखुर व गलघोटू का टीकाकरण
  • भिवानी जिला में तीन लाख 10 हजार पशुओं के टीकाकरण का रखा गया लक्ष्य : डॉ . रविंद्र सहरावत

(Bhiwani News) भिवानी। पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग द्वारा जिला में मुहखुर व गलघोटू टीकाकाकरण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। विभाग का प्रयास है कि कोई भी पशु टीकाकरण से वंचित ना रहे। डा. सुखदेव राठी को भिवानी जिला में टीककाकरण की जांच के लिए नियुक्त किया गया है। इसके अलावा भी सभी अधिकारी किसी भी गांव में औचक निरीक्षण करते है, ताकि समय पर लक्ष्य को हासिल किया जा सकें।

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. रविंद्र सहरावत ने बताया कि टीकाकरण के लिए सभी पशु अस्पतालों में पशु चिकित्सक के नेतृत्व में टीमें बना दी गई है, जो घर-घर जाकर टीकाकरण का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि जिला में तीन लाख 10 हजार पशुओं के मुहखुर-गलघोटू टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। यह टीकाकरण एक भी पशु ना छूटे-सुरक्षा चक्र ना टूटे के सिद्धांत पर किया जा रहा है।

मुहखुर-गलघोटू की संयुक्त वैक्सीन लगाने में हरियाणा प्रदेश सबसे अग्रणीय राज्यों में

उपमंडलाधिकारी डा. अशोक गुप्ता ने कहा कि इस टीकाकरण में वैक्सीन का तापमान 2 से 8 डिग्री सेंटिग्रेट पर रखा जाता है। इसके लिए विशेष वैक्सीन कैरियर प्रयोग किए जा रहे है। सभी पशुओं के टीकाकरण करने के बाद उस टीकाकरण को पशु के कान में लगे 12 अंकों के टैग नंबर के साथ ऑनलाईन किया जाता है। पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि मुहखुर-गलघोटू की संयुक्त वैक्सीन लगाने में हरियाणा प्रदेश सबसे अग्रणीय राज्यों में है। पशुपालकों को यह टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए। अगर पशु को मुहखुर हो जाए तो पशुपालक को दूध का भारी आर्थिक नुकसान होता है और छोटे कटड़े-कटड़ी व बछड़े-बछड़ी तो मर भी सकते है।

जबकि गलघोटू तो पशु के लिए मौत का कारण बन जाती है। उन्होंने कहा कि कई पशुपालकों को भ्रांति है कि इससे दूध घटता है या गर्भपात होता है तो पशुपालकों को इस भ्रांति से बचना चाहिए। डा. सनसनवाल ने कहा कि अगर पशु को बुखार आ जाए तो उसे बुखार की गोली दे और पशुओं को 2-3 दिन गुड़ खिलाएं, इससे दूध भी नहीं घटेगा।

 

 

यह भी पढ़ें :  Jind News : किसान डीएपी खाद का स्टॉक न करें : गिरीश नागपाल