भिवानी : भारतीय मजदूर संघ हरियाणा के कर्मचारियों ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

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पंकज सोनी, भिवानी :
भारतीय मजदूर संघ हरियाणा का भिवानी में 13-14 मार्च को त्रिवार्षिक अधिवेशन संपन्न हुआ था। जिसमें मुख्यरूप से चार प्रस्ताव पास किए। उन्हीं प्रस्तावों के संबंध में पूरे प्रदेश में सभी जिला मुख्यालयों पर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में 11 सितंबर 2019 व 26 मार्च 2021 को भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री के साथ मांगों को लेकर बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान  मुख्यमंत्री ने उनके मांग पत्र पर एक माह के अंदर मांगों को लागू करने का आश्वासन दिया था। परंतु 5 माह बीत जाने के बाद भी उनका मांग पत्र अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय में लंबीत पड़ा। इस मांग पत्र को लागू करवाने के लिए मंगलवार को संशोधित मांग पत्र मुख्यमंत्री को दिया गया है। भारतीय मजदूर संघ की उपाध्यक्ष जयवंती देवी, कार्यकारिणी सदस्य पदम सिंह तंवर, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष पवन बागनवाला, कंप्यूटर आपरेटर संघ जिला अध्यक्ष अनिल, वित्तिय ठेका संस्थान सहकारी बैंक के अध्यक्ष नरेन्द्र वशिष्ठ, भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष राजबीर सिंह व जिला महामंत्री पवन कौशिक ने संयुक्त रूप से बताया कि डीआईटीएस कर्मिर्यों के 12 सितंबर 2019 को मॉडल बाईलाज आईटी विभाग हरियाणा द्वारा जारी किए गए थे।जो अभी तक फाईनल रूप में लागू नहीं किए गए हैं।

पैक्स कर्मचारियों की केन्द्रीय सहकारी बैंकों में पदोन्नति व वेतन विसंगति में संशोधन करना, ग्रामीण टयूब्वैल आॅप्रेटरों को 1 अप्रैल 2020 से पंचायत विभाग द्वारा वेतन देने का निर्णय लिया था वह बजट भी जारी हो चुका था लेकिन अभी तक सभी को नयून्तम वेतन नहीं दिया जा रहा। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अनुबंधित को समय पर वेतन दिया जाए व ठेकेदार बदलने पर कर्मचारी को नहीं हटाया जाए, प्रेदश स्तर पर ही नयून्तम वेतन निर्धारित किया जाए जिससे जिले स्तर पर किया जाने वाले नयून्तम स्तर की वेतन विसंगतिया दूर हो जाएंगी। हड़ताल व आंदोलन के दौरान कम्प्यूटर आॅप्रेटरों पर करनाल में, विद्युत कर्मचारियों पर पंचकूला में जो मुकदमें दायर हुए थे वे तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाएं। ठेका प्रथा जो श्रमिकों के लिए अभिशाप बन चुकी है जिसमें सरकारी विभाग द्वारा पूरा  वेतन दिए जाने के बावजूद भी ठेकेदार द्वारा अवैध वेतन कटौती, ईएसआई तथा ईपीएफ में घपलेबाजी करने की प्रथा बन चुकी है जिसका खामियाजा कर्मचारियों को तथा संबंधित विभागों को भुगतना पड़ता है तथा लगभग 20 प्रतिशत अधिक भार सरकारी खजाने पर भी पड़ता है। इसलिए भारतीय मजदूर संघ का सुझाव है कि जिन-जिन विभागों में स्थाई प्रकृति का काम है वहां से ठेका प्रथा एक्ट 1970 के अनुरूप ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए, बिना पंजीकरण के तथा ठेकेदारों  द्वारा बिना लाईसेंस व उनके बिना नविंकरण के काम करवाने पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।

सरकारी विभागों की आवश्यकता अनुसार डाटा इंट्री आॅप्रेटर, आईटी प्रोफेशनल की मांग की पुर्ति के लिए जैसे हाट्रोन व एचकेसीएल को अधिकृत किया हुआ है उसी तर्ज पर अन्य कार्यों के लिए मैन पॉवर की पुर्ति हेतु शिर्श सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कर्मचारी लगाकर काम करवाया जाए जिससे 20 प्रतिशत जो ठेकेदार को कमिश्र दिया जाता है उसकी बचत होगी व सामाजिक सुरक्षा व श्रम कानूनों की अवेहलना के कारण होने वाले अनावश्यक विवादों से भी छुटकारा मिलेगा। विद्युत विभाग चारों कंपनियों में लगभग 16 हजार 500 अनुबंधित कर्मचारी कार्य करते हैं। जबकि चारों कंपनियों के वेतन में आपस में काफी विसंगतियां हैं उन्हें दूर किया जाए। प्रदेश के सभी  कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू की जाए, हरियाणा प्रांत में आंगनबाड़ी वर्कर को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय तुरंत प्रभाव से दिया जाए व इनको सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए आदि मांगों को शीघ्र से शीघ्र पूरा किया जाए अन्यथा भारतीय मजदूर संघ हरियाणा से संबंधित सभी मजदूर संगठनों के कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर संगठन मंत्री  विजय कुमार, जिला महामंत्री सुशील बिश्रोई, राज्यमंत्री दिनेश कुमार व सभी संगठनों के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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