पंकज सोनी, भिवानी :
प्रदेश सरकार की बेरूखी के कारण आज प्रदेश के 1983 परिवार भूखा मरने की कगार पर पहुंच चुके है, लेकिन अभी भी प्रदेश के मुखिया सिर्फ चुप्पी साधे हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चाहिए कि पिछले सवा वर्ष से धरने पर बैठकर अपनी बहाली की मांग कर रहे बर्खास्त पीटीआई की बहाली कर उनके बच्चों का भविष्य अंधकार में जाने से बचाया जा सकें। यह बात स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष अपनी बहाली की मांग को लेकर पिछले 413 दिनों से अपनी धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई को संबोधित करते हुए हरियाणा शारीरिक शिक्षक अध्यापक संघ के राज्य संयोजक राजेश ढ़ांडा ने कही। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश भर में बर्खास्त पीटीआई अपनी बहाली को लेकर संघर्षरत्त है, लेकिन प्रदेश के मुखिया उन्हे बार-बार झूठा आश्वासन देकर उन्हे बरगलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सवा वर्ष से बेरोजगारी की मार झेलते हुए बर्खास्त पीटीआई आर्थिक तंगी व मानसिक प्रताडना के शिकार हो रहे है।
इस दौरान आर्थिक तंगी के चलते वे अपने बच्चों का भरण-पोषण भी सही ढ़ंग से नहीं कर पा रहे तथा ना ही वे उनकी शिक्षा का आर्थिक खर्च उठाने में सक्षम है, जिसके चलते उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा हैं। राजेश ढ़ांड़ा ने कहा कि सबका साथ-सबका का नारा देने वाली भाजपा सरकार को चाहिए कि अब वे अपने नारे को सार्थक करते हुए चार अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बर्खास्त पीटीआई के पक्ष में पैरवी कर उनकी बहाली का रास्ता साफ करें। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अबकी बार बर्खास्त पीटीआई की बहाली नहीं हुई तो वे प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड?े को मजबूर होंगे। सोमवार को क्रमिक अनशन पर सुनील जांगड़ा, राजपाल यादव, बलजीत तालु, उदयभान रहे। वही धरने का संचालन राजेश कुमार पीटीआई ने किया। इस अवसर पर जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा, मा. हरीश गोच्छी, जरनैल सिंह पीटीआई, जिला महासचिव विनोद पिंकू, देवेंद्र अत्री डीपीई, ब्लॉक प्रधान रामचंद्र पीटीआई, राज्य वरिष्ठ उपप्रधान विरेंद्र घणघस, बलवान डीपीई, भूप सिंह डीपीई, मदनलाल सरोहा, अनिल तंवर, सुरेंद्र सिंह, राजेश कितलाना, अमित कुमार, मुकेश कुमार, मनोज वैद, सतीश यादव, विनोद वैद, रामबीर तिगड़ाना आदि पीटीआई मौजूद रहे।