राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सवालों के घेरे में

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Bharat Jodo Yatra under Questions
भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा, मध्य प्रदेश के नीति एवं शोध विभाग के प्रदेश सह संयोजक चंद्रशेखर पटेल।

चंद्रशेखर पटेल 

वर्ष 2014 से 2 लोकसभा चुनाव एवं लगभग 40 विधानसभा चुनाव हारने के पश्चात कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने साथ अपनी पार्टी के लिए नई जमीन तलाशने हेतु ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के नाम पर पदयात्रा कर रहे हैं और सर्व सुविधा संपन्न अत्याधुनिक कंटेनर में विश्राम कर रहे हैं। यह यात्रा प्रारंभ से ही विवादों में रही है। यात्रा में राहुल गांधी कहते हैं कि “नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं।” लेकिन, यह कैसी मोहब्बत की दुकान है, जहां नफरत का सामान मिल रहा है? जो लोग देश में नफरत फैलाने का काम करते हैं।

देश की अस्मिता और अखंडता को तोड़ने का प्रयास करते हैं, राष्ट्रविरोधी नारे लगाते है, अलगाववादियों पर हो रही कानूनन कार्यवाही का विरोध करते हैं, राहुल ऐसे लोगों के साथ हाथ से हाथ मिलकर यात्रा कर रहे है। यह कैसी मोहब्बत की दुकान है और यह कैसी भारत जोड़ो यात्रा? यह भारत जोड़ो यात्रा नहीं है बल्कि, यात्रा के दौरान हुए घटनाक्रमों और राहुल गांधी के बयानों ने इसे ‘भारत तोड़ो यात्रा’ बना दिया है। यह भारत जोड़ो नहीं बल्कि भारत तोड़ने की मंशा रखने वालों को जोड़ने की यात्रा है।

यात्रा के प्रारंभ मे ही राहुल गांधी ने एक मंच से “पाकिस्तान ज़िन्दाबाद” के नारे लगाने वाली लड़की को गले लगाया, बाद में इस यात्रा के अंदर ही विवादित नारे लगे। राहुल गांधी का ईसाई पादरी जॉर्ज पोन्नैया के साथ का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु नामक एनजीओ के सलाहकार ईसाई पादरी जॉर्ज पोन्नैया हिंदू विरोधी टिप्पणी कर रहे हैं। विवादास्पद पादरी जॉर्ज पोन्नैया राहुल गांधी के सामने जीसस क्राइस्ट को असली भगवान बताते हुए हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं। राहुल गांधी उनकी हर बात में हां में हां मिलाते हुए सिर हिला रहे हैं।

12 सितंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेकर की जली हुई फोटो कांग्रेस के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर जारी होती है जिसके कैप्शन मे लिखा था “145 दिन और”, इसका सीधा संदेश संघ के विरुद्ध लोगों को हिंसा के लिए भडकाने जैसा था। यात्रा के दौरान नेताजी भाजपा व संघ को झूठ के आधार पर बदनाम करने के लिए तरह-तरह की कहानियां सुना रहे हैं जिससे वह स्वयं ही मजाक का पात्र बन रहे हैं। मध्य प्रदेश की ही एक जनसभा में क्रांतिकारी टंटया मामा पर खूब जमकर झूठ बोला जो झूठ का पुलिंदा था। राहुल गांधी ने जय श्रीराम बनाम जय सियाराम बोलने का कुत्सित षडयन्त्र भी किया।

इस भारत तोड़ो और आग लगाओ यात्रा मे सिख दंगों में आरोपी जगदीश टाइटलर दिखाई देते है तो कभी विकासविरोधी मेघा पाटकर जो दीर्घलाभकारी योजनाओं मे हर समय रोड़ा अटकाती रही हैं। इस यात्रा में शामिल कन्हैया कुमार की पृष्ठभूमि भला कौन नही जानता, उस छुटभैये नेता पर देश विरोधी बयान के आरोप लगते रहे हैं। वह 2 मार्च 2016 में अंतरिम जमानत पर रिहा हुआ है। कन्हैया कुमार की अगवानी में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ जैसे नारे लगे थे। कन्हैया कुमार ने भारतीय सेना के खिलाफ 8 मार्च 2016 को दिल्ली में विवादित बयान दिया था। कन्हैया ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि कश्मीर में सेना महिलाओं से बलात्कार करती है।

इस यात्रा में अभिनेत्री स्वरा भास्कर राहुल गांधी के साथ कदम मिलाकर चल रही हैं। ये वो असफल अभिनेत्री हैं, जो पाकिस्तान की समर्थक हैं। स्वरा भास्कर ने सेना पर विवादित बयान दिया था। स्वरा ने अपने ट्वीट में सेना को बेवकूफ तक कह डाला था। स्वर ने हिंदुत्व की तुलना तालिबान से कर दी थी। एक अन्य अभिनेत्री ॠचा चड्डा ने सेना के खिलाफ जो घटिया बयान दिया था उसका भी स्वरा भास्कर ने समर्थन किया था। जिस तरह के लोग राहुल गांधी की इस यात्रा से जुड़ रहे हैं, उससे यह फिर साबित हो गया है कि उनकी यह यात्रा भारत तोड़ो यात्रा है।

यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीर सावरकर के जिस माफीनामे को मुद्दा बनाना चाहा इसी तरह का माफीनामा महात्मा गांधी से लेकर जवाहरलाल नेहरू भी लिख चुके हैं। वीर सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। राजस्थान में अलवर की जनसभा में राहुल गांधी ने हिंदी भाषा व हिंदी भाषियों का खुलकर अपमान किया। आज देश में हिंदी भाषा का जो पतन हुआ है उसके पीछे तुष्टीकरण की नीति से ग्रसित कांग्रेस ही हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तो एक बार कहा था कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि जब कोई दक्षिण का नेता प्रधानमंत्री बनेगा तो उसे समस्या होगी।

स्वयं राहुल गांधी देश की संसद द्वारा पारित किए गए एक संवैधानिक कानून को अपमानित करते हुए कहते हैं कि हमें चीन की सेना से ज्यादा खतरा जीएसटी से है। राहुल गांधी को यह भी याद नहीं है कि कानून किसी दल का नहीं होता, उसे देश की संसद ने बनाया है। ऐसे में यह यात्रा किस तरह भारत को जोड़ रही है, यह सवाल देश की जनता के मन में उठ रहा है। चीनियों ने अरुणाचल के तवांग में शरारत करने का दुस्साहस किया और हमारे वीर जवानों ने उचित सबक सिखाया जिससे चालबाज चीनी दुम दबाकर भागे लेकिन, दुर्भाग्यवश राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के बजाय सेना का अपमान कर रही है।

राहुल गांधी व उनके पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी मर्यादाओें को ताक पर रख कर विषवमन प्रारंभ कर दिया है और कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान भी कर रही है, देश के प्रधानमंत्री तक को अपशब्द कह रही है और उनके नेता राहुल गांधी कहते हैं कि वो मोहब्बत बांटने निकले हैं, इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी?

देश में आपातकाल लगाने वाली पार्टी और पत्रकारों की आजादी को छीनने वाली पार्टी के नेता आज स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं। अपने वक्तव्य में राहुल गांधी कहते हैं कि विश्व भर मे सबसे अधिक समान कोई खरीदा जाए तो उसमे “मेड इन इंडिया” लिखा हो। वहीं उनका दोगलापन देखिये कि वे मोदी सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियान का भी विरोध करते हैं साथ ही जीएसटी और अग्निवीर योजना का भी विरोध करते हैं।

ध्यातब्य है कि यात्रा का समापन कश्मीर में हो रहा है, वह कश्मीर जहाँ धारा 370 इनकी सरकार ने लगाई थी, वह कश्मीर जहाँ पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने प्राणों की बलि दी थी और वह कश्मीर जहां पर वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी लाल चौक पर झंडा फहराने के लिए आंदोलन करती रही लेकिन उसे रोका जाता रहा। आज उस कश्मीर में आज राहुल तिरंगा फहरा पाएंगे तो उसका श्रेय भी भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा को जाता है जिन्होंने धारा 370 हटाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का वह लक्ष्य ‘एक देश में दो प्रधान और दो संविधान नहीं रहेंगे’ उस संकल्प को पूरा किया। आखिर राहुल गांधी की नए भारत की परिकल्पना क्या है?

क्या इस प्रकार के अलगाववादी, राष्ट्र विरोधी लोगों को लेकर यह भारत के विकास की कल्पना कर रहे हैं? राहुल गांधी एक ओर तो कहते हैं कि वह भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से नए भारत की कल्पना कर रहे हैं, लेकिन उनकी यात्रा में शामिल हो रहे हैं भारत के टुकड़े करने वाले लोग। प्रश्न तो ये उठता है कि क्या यह भारत तोड़ो यात्रा नही है? क्या ये सच नही है कि कांग्रेस और राहुल के पूर्वजों ने 1947 में भारत तोड़ा था? इस प्रकार के राष्ट्रविरोधी लोगों के साथ मिलकर तथाकथित भारत जोड़ों यात्रा करके राहुल गाँधी और कांग्रेस क्या संदेश देना चाहतें हैं इसका उत्तर मैं पाठकों के विवेक पर छोड़ता हूँ।

चंद्रशेखर पटेल की कलम से,
भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा, मध्य प्रदेश के नीति एवं शोध विभाग के प्रदेश सह संयोजक है।

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