BCCI discriminating against women players: महिला खिलाड़ियों से भेदभाव कर रही बीसीसीआई

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में अब पुरुष एवं महिला दोनों ही टीमें आती हैं लेकिन बीसीसीआई महिलाओं के साथ भेदभाव कर रही है। ये बीसीसीआई के 2019-20 के वार्षिक खिलाड़ी अनुबंध में साफ तौर पर जाहिर होता है। बीसीसीआई के 2019-20 के वार्षिक खिलाड़ी अनुबंध में पुरुष खिलाड़ियों को जहां करोड़ों रुपए मिल रहे हैं वहीं महिला खिलाड़यिों को लाखों रुपए से संतोष करना पड़ेगा।
भारतीय पुरुष टीम की तुलना में महिला टीम में ए प्लस ग्रेड नहीं है। लेकिन जहां भारतीय पुरुष ए ग्रेड में खिलाड़ियों को 5 करोड़ मिलेंगे। वहीं महिला ए ग्रेड खिलाड़ियों को मात्र 50 लाख रुपए मिलेंगे। इतना ही नहीं पुरुष बी ग्रेड और सी ग्रेड के खिलाड़ियों को क्रमश: 3 और एक करोड़ सलाना मिलेंगे। लेकिन वहीं महिला बी और सी ग्रेड के खिलाड़ियों के पैकेज पर में क्रमश: 30 और 10 लाख रुपए हैं। अब इन आंकड़ों से ये साफ है कि बीसीसीआई भारतीय पुरुष और महिला के साथ भेदभाव कर रहा है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ हो। इससे पहले भी बीसीसीआई पुरुषों के मुकाबले महिला खिलाड़ियों से भेदभाव करता आया है।
पुरुष खिलाड़ियों के ग्रेड और राशि
ए प्लस ग्रेड – 7 करोड़ रुपए
ए ग्रेड – 5 करोड़ रुपए
बी ग्रेड – 3 करोड़ रुपए
सी ग्रेड – एक करोड़ रुपए
महिला खिलाड़ियों के ग्रेड और राशि
ए ग्रेड – 50 लाख रुपए
बी ग्रेड – 30 लाख रुपए
सी ग्रेड – 10 लाख रुपए

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