बरनाला: लवप्रीत की मौत के तथ्य आने लगे बाहर, 25 के बाद मिलेगी बिसरा रिपोर्ट

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अखिलेश बंसल, बरनाला:
भारत के पंजाब से कनाडा देश तक चर्चा का मुद्दा बना लवप्रीत धनौला की मौत का मामला सुलझने की बजाय मामला उलझता जा रहा है। उसकी मौत के अगले दिन उसी के पिता खुद पुलिस को लिखकर दे चुके हैं कि लवप्रीत की मौत खेत में कुदरती कारण व स्परेअ छिडकाव के दौरान हुई। जबकि गत कुछ दिन पहले धनौला पहुंची पंजाब महिला सुरक्षा आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी को परिवार ने कहा था कि पत्नि के विदेश जाकर धोखा देने से पीड़ित हो उनके बेटे लवप्रीत ने खुदकशी की थी।

बिसरा रिपोर्ट करेगी खुलासा:

लवप्रीत धनौला की मौत स्पे्रअ दवा निगलने से हुई या छिडकाव करते वक्त स्प्रे के चढ़ने से हुई से संबंधित खुलासा केमिकल एग्जामिनर लेबोरेटरी से बाहर आने वाली बिसरा रिपोर्ट से होगा। लेबोरेटरी प्रबंधकों ने पुलिस को वह रिपोर्ट 25 अगस्त के आस-पास सौंपने को कहा है।

पिता ने कलमबंद करवाए थे बयान:
धनौला निवासी बलविंदर सिंह ने अपने लडके लवप्रीत सिंह जिसकी मौत 23 जून 2021 को खेत में हुई थी, के बारे में पुलिस को दिए अपने ब्यान में कहा था कि लवप्रीत की मौत कुदरती हादसा है और स्परेअ चढ?े से हुई है। जिसके बारे में वह किसी को दोषी नहीं मानता और ना ही किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करवाना चाहता है। इस बयान को थाना धनौला के अधिकारी एएसआई गुरतेज सिंह ने तस्दीक किया था। जिस पर सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉक्टर के भी हस्ताक्षर हैं।

आत्महत्या को विवश करने की मांग हो सकती रद्द:
मृतक लवप्रीत सिंह की मौत के मामले में पिता बलविंदर सिंह द्वारा पुलिस को दिए ब्यान और केमिकल एग्जामिनर लेबोरेटरी से बाहर आने वाली बिसरा रिपोर्ट यदि दोनों की मैचिंग हो जाती है तो परिजनों द्वारा लवप्रीत की पत्नी बेअंत कौर के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने से संबंधित लगाया जा रहा इल्जाम बेअर्थ हो सकता है। जिसके लिए परिवार ने पुलिस और महिला आयोग से गुहार लगाई है। उल्लेखनीय है कि पुलिस पर दबाव बनाने के लिए इस मांग को लेकर परिवार ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम भी लगाया है।

बिसरा रिपोर्ट और कनाडा सरकार पर टिकी नजरें:
लवप्रीत की विधवा बेअंत कौर के खिलाफ धनौला पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा 420 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। उसके बाद लवप्रीत का परिवार बेअंत कौर को कनाडा से डिपोर्ट होने की मांग कर रहा है, लेकिन सभी की निगाहें बिसरा रिपोर्ट और कनाडा सरकार की कानूनी कार्रवाई पर टिकी है।

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