Axiom-4 Crew Return LIVE, (आज समाज), वाशिंगटन: भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपने एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) के चालक दल के तीन सदस्यों के साथ सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। वे भारतीय समयानुसार आज दोपहर बाद 3.01 बजे (स्थानीय समय प्रातः 2:31 बजे) कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के तट पर उतरे। स्पेसएक्स ने एक पोस्ट में यह पुष्टि की। स्पेसएक्स की और से कहा गया, ड्रैगन के स्पलैशडाउन की पुष्टि हुई है – पृथ्वी पर आपका स्वागत है। शुभांशु शुक्ला के मात-पिता ने उनकी सफल अंतरिक्ष यात्रा पर खुशी जताई है।
14 जुलाई, परिक्रमा प्रयोगशाला से हुए थे रवाना
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 18 दिन बिताने के बाद, शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम मिशन 4 चालक दल के सदस्य 14 जुलाई, 2025 को परिक्रमा प्रयोगशाला से रवाना हुए थे। शुभांशु शुक्ला कैलिफ़ोर्निया तट पर अपने स्पलैशडाउन के बाद सात दिन के पुनर्वास कार्यक्रम से गुज़रेंगे, क्योंकि वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन के प्रवास के बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं।
एक्स-4 चालक दल में ये थे शामिल
एक्स-4 चालक दल में इसरो के पायलट शुभांशु शुक्ला के अलावा कमांडर पैगी व्हिटसन, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) परियोजना के अंतरिक्ष यात्री पोलैंड के स्लावोस्ज़ ‘सुवे’उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और एचयूएनओआर अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू शामिल थे। ये पिछले 18 दिन में मिशन के हिस्से के रूप में आईएसएस पर अनुसंधान और आउटरीच गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगे हुए थे।
भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक ने दी बधाई
भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट्ट (सेवानिवृत्त) ने स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान की सफल वापसी पर एक्सिओम और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को बधाई दी। उन्होंने कहा, हम एक्सिओम और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस सफल मिशन को पूरा करने पर बधाई देते हैं। यह उपलब्धि भारत की भविष्य की मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्राओं, जिनमें गगनयान मिशन और 2040 तक किसी भारतीय अंतरिक्ष यान से चंद्रमा पर किसी भारतीय को उतारने के हमारे महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसरो को सहयोग प्रदान करेगा मिशन
लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट्ट ने कहा, यह मिशन न केवल इसरो को सहयोग प्रदान करेगा, बल्कि वैश्विक और भारतीय निजी अंतरिक्ष उद्योगों को भी प्रोत्साहन देगा। यह सफलता बाह्य अंतरिक्ष अन्वेषण के भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ड्रैगन अंतरिक्ष यान को पानी से निकालकर पुनर्प्राप्ति पोत शैनन पर स्थापित कर दिया गया है। इसके बाद, पुनर्प्राप्ति दल ड्रैगन के हैच को खोलने से पहले रिसाव की जांच के साथ-साथ जहाज़ से रिगिंग हटाएगा।
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