Asaram Bapu Case : पानीपत में डीएसपी एवं एसएचओ सहित 6 को नोटिस

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Aaj Samaj (आज समाज), Asaram Bapu Case, पानीपत : जिले के गांव सनौली खुर्द निवासी महेंद्र चावला आसाराम बापू केस के मुख्य गवाह है। उनकी याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट चंडीगढ़ के वकील संजय गहलावत ने बताया कि कोर्ट ने डीएसपी ओम प्रकाश, इंस्पेक्टर सूरजभान, एएसआई बिजेंद्र को नामजद करते हुए लोकायुक्त, आईजी करनाल और एसपी पानीपत को नोटिस जारी किया है। साथ ही 25 अक्तूबर तक अपना जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। महेंद्र चावला ने बताया कि हाईकोर्ट ने नोटिस उसकी 30 अप्रैल 2019 की शिकायत के आधार पर दिया है। जून 2018 में गांधीनगर में आसाराम बापू के खिलाफ महेंद्र चावला को गवाही देने से रोकने के उद्देश्य से गांव सनौली खुर्द के आसाराम समर्थक सुरेंद्र शर्मा व अन्य लोगों ने डीसी ऑफिस पानीपत के सामने चावला के खिलाफ नारेबाजी की थी। गंभीर आरोप लगाते हुए एक शिकायत पानीपत पुलिस को महेंद्र चावला के खिलाफ दी थी, जो पानीपत पुलिस द्वारा खुफिया और एलानिया तौर पर जांच के बाद झूठी पाई गई और महेंद्र चावला को क्लीन चिट दी गई।

  • आसाराम केस के गवाह की याचिका पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया
  • लोकायुक्त, आईजी-एसपी से भी जवाब तलबी

आरोपी सुरेंद्र शर्मा को लाभ पहुंचाया और गलत रिपोर्ट बनाई

महेंद्र चावला ने पानीपत पुलिस को सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ धारा 182 के तहत कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन तत्कालीन जांच अधिकारी एएसआई  बिजेंद्र ने जानबूझकर अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए महेंद्र चावला को जांच में शामिल किए बिना ही आरोपी सुरेंद्र शर्मा को लाभ पहुंचाया और गलत रिपोर्ट बनाई। तत्कालीन सनौली थाना एसएचओ सूरजभान ने भी जानबूझकर अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए महेंद्र चावला को जांच में शामिल किए बिना ही आरोपी सुरेंद्र शर्मा को लाभ पहुंचाया और गलत रिपोर्ट बनाई। इसके बाद महेंद्र चावला ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। तब चावला ने हाईकोर्ट में एसपी पानीपत के विरुद्ध कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया, जिसके बाद पुलिस ने सुरेंद्र शर्मा के विरुद्ध 182 की कार्रवाई की।

अधिकारियों ने अपने पद का किया दुरुपयोग

महेंद्र चावला ने एसपी पानीपत को शिकायत दी कि जब हाईकोर्ट में अवमानना याचिका के बाद सुरेंद्र शर्मा के विरुद्ध 182 की कार्रवाई की जा सकती है तो वह बिलकुल पहले ही दिन वाली शिकायत पर भी की जा सकती थी, लेकिन दोनों ही जांच अधिकारियों एएसआई बिजेंद्र व एसएचओ सूरजभान ने जानबूझकर अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग किया। महेंद्र चावला को जांच में शामिल किए बिना ही आरोपी सुरेंद्र शर्मा को लाभ पहुंचाया। इतना ही नहीं, गलत व झूठी रिपोर्ट बनाई, जिसकी जांच डीएसपी ओम प्रकाश द्वारा की गई। डीएसपी ओम प्रकाश ने भी अपने विभाग का पक्ष लेते हुए जानबूझकर अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए आरोपी को लाभ पहुंचाया और गलत व झूठी रिपोर्ट बनाई। इसके बाद महेंद्र चावला ने लोकायुक्त हरियाणा को शिकायत दी और डीएसपी ओम प्रकाश, सूरजभान निरीक्षक व एएसआई  बिजेंद्र के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की, लेकिन लोकायुक्त ने भी महेंद्र चावला का पक्ष सुने बिना ही पुलिस के पक्ष में एकतरफा रिपोर्ट बनाकर केस को बंद कर दिया। तब मामले की याचिका हाईकोर्ट में डाली गई थी।

 

 

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