नई दिल्ली। दिल्ली में कारगिल विजय दिवस की बरसी पर शनिवार को एक सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें जनरल विपिन रावत ने शिरकत की। करगिल युद्ध की बरसी के मौके पर सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने आने वाले समय में युद्ध की तीव्रता पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने सेमिनार में कहा कि भविष्य में टकराव ज्यादा घातक और कल्पना से परे होंगे। खास तौर पर उन्होंने इसमें तकनीक और साइबर डोमेन की बड़ी भूमिका की बात कही। जनरल रावत ने सेना को मल्टी स्पेक्ट्रम वार के लिए तैयार रहने के लिए कहा। नॉन स्टेट एक्टर्स और टेक्नोलॉजी के बढ़ते दबाव ने युद्ध के हाताल बदल दिए हैं। साइबर दुनिया और अंतरिक्ष का उपयोग आज युद्ध में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। यह युद्ध से अभिन्न रूप से जुड़ चुका है। सेना प्रमुख ने शनिवार को कहा कि लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में चीन ने कोई घुसपैठ नहीं की है। रावत ने एक समारोह के इतर कहा, ”कोई घुसपैठ नहीं हुई है। जनरल रावत का यह बयान इन रिपोर्टों के बीच आया है कि चीनी जवानों ने छह जुलाई को दलाई लामा के जन्मदिवस के मौके पर कुछ तिब्बतियों द्वारा तिब्बती झंडे फहराए जाने के बाद पिछले सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार की। सैन्य प्रमुख ने कहा, ”चीनी अपनी मानी जाने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आते हैं और गश्त करते हैं… हम उन्हें रोकते हैं। कई बार स्थानीय स्तर पर जश्न समारोह होते हैं। डेमचोक सेक्टर में हमारी ओर तिब्बती जश्न मना रहे थे। इसके आधार पर, कुछ चीनी यह देखने आए कि क्या हो रहा है, लेकिन कोई घुसपैठ नहीं हुई। सब सामान्य है।
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