आंगनबाड़ी स्कीम वर्करों व सहायिकाओं की हड़ताल मुकम्मल

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 संजीव कुमार, रोहतक:
आज स्कीम वर्करों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन से जुड़ी रोहतक जिला की तमाम सदस्यों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी की। आज जिला के सभी आंगनवाड़ी केन्द्र बन्द रहे और तमाम बहनें मानसरोवर पार्क में इकट्ठी हुई व शहर में प्रदर्शन किया।
हड़ताल का आह्वान स्कीम वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और एआईयूटीयूसी समेत आठ बड़े केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों ने साझा रूप से किया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा की महासचिव पुष्पा दलाल ने बताया कि केंद्र व प्रदेश दोनों ही सरकारें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की समस्याओं की अनदेखी कर रही हैं। जबकि हमारी यूनियन ने प्राय: सभी जिलों में बार-बार धरने, प्रदर्शन कर सरकार व प्रशासन को मांग पत्र व ज्ञापन दिए हैं। लेकिन सरकार ने हमारी कठिनाइयों को नहीं सुना।
लम्बे समय से हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया है। यहाँ तक कि न्यूनतम वेतन 28 हज़ार रुपये मासिक भी लागू नहीं किया।
आंगनवाड़ी स्कीम का निजीकरण किया जा रहा है। रोजाना की सामान्य ड्यूटी के अलावा हम पर ‘पोषण ट्रैकर एप’ से डिजिटल रिपोर्ट बनाने व भेजने की नाजायज बेगार लेने की जोर जबरदस्ती की जा रही है। ये रिपोर्ट सीडीपीओ कार्यालय में कम्प्यूटर आपरेटर भर्ती कर उनसे कराया जाना चाहिए।
1975 से आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन तक उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। एक-एक साल तक इनके किराए का भुगतान नहीं किया जाता। प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में मानदेय भत्ते में की गई वृद्धि का भुगतान आज तक नहीं किया है। पश्चिम बंगाल राज्य सेवा समाप्ति पर 3.5 लाख रूपये की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान करता है। परंतु हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार इस पर चुप्पी साधे बैठी हैं। 43, 44, 45 वें भारतीय श्रम सम्मेलन में सर्वसम्मति से सिफारिश पारित होने पर भी पेंशन लागू नहीं की।
 यूनियन नेत्री पुष्पा दलाल ने कहा कि सरकारी नीतियों के कारण आंगनवाड़ी स्कीम का वर्तमान व भविष्य दोनों अंधकार में है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा से जुड़ी रोहतक जिला की तमाम बहनों ने आज की साझी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को मुक्कमल रूप से सफल बनाया है। एआईडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश कुमार व भवन निर्माण कारीगर मज़दूर यूनियन के रोहतक जिला प्रधान केसू काहनौर ने भी हड़ताल को समर्थन दिया। जिला प्रधान रोशनी चौधरी, दर्शना, संतोष, इंद्रावती, कमलेश, तस्वीर, सुनीता, बबिता, लता, राजेश, सुरेश, सरोज व सुरेखा ने भी अपने विचार रखे।
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