Amit Shah: नए संसद भवन में स्थापित होगा देश के इतिहास का प्रतीक सेंगोल

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Amit Shah
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।

Aaj Samaj (आज समाज), Amit Shah, नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश के इतिहास के प्रतीक सेंगोल को नए संसद भवन में रखा जाएगा। उन्होंने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को जब संसद के नवनिर्मित भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, उस दौरान नए भवन में ऐतिहासिक राजदंड सेंगोल को स्थापित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री विनम्रता के साथ तमिलनाडु से आए एक प्रतिनिधि से सेंगोल लेंगे और नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन इसे भवन में रखेंगे। सेंगोल का अर्थ होता है- संपदा से संपन्न व ऐतिहासिक। अमित शाह ने यह भी बताया  कि नए संसद भवन को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है। इसके उदघाटन पर पीएम मोदी सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे।

  • संसद भवन को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए 60,000 श्रमयोगियों का योगदान

14 अगस्त, 1947 को पीएम नेहरू ने किया था इस्तेमाल

अमित शाह ने बताया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों से सेंगोल (राजदंड) स्वीकार किया था। यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। यह सदियों पुरानी परंपरा है, जिसे तमिल भाषा में सेंगोल कहा जाता है। आजादी के 75 साल बाद भी जनता को इसकी जानकारी नहीं है।

गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने सेंगोल के बारे में रिसर्च करवाई जिसके बाद इसे देश के सामने संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के बगल रखने का निर्णय लिया गया। अमित शाह ने बताया  कि सेंगोल के पीछे युगों से जुड़ी हुई एक परंपरा है। इससे ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है। गृह मंत्री ने बताया कि सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से अधिक उपयुक्त, पवित्र और उचित स्थान कोई हो ही नहीं सकता। सेंगोल को संग्रहालय में रखना ठीक नहीं है।

विपक्षी दलों के बहिष्कार के निर्णय पर दी प्रतिक्रिया

अमित शाह ने विपक्षी दलों के नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, हमें नए संसद भवन के शुभारंभ का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, लोगों को सोचने और प्रतिक्रिया करने दें जैसे वे चाहते हैं। बता दें कि 19 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है।

इन दलों ने बुधवार को एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में कार्यक्रम का बहिष्कार करने की जानकारी दी। नेताओं ने कह कि जब संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही खींच लिया गया हो, ऐसे में हमें नई इमारत की कोई कीमत नजर नहीं आती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग कर चुके हैं।

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