America and Europe cause more deaths than Corona?: कोरोना से अमेरिका व यूरोप अधिक मौत के कारण ?

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वैज्ञानिकों के अनुसार अब तक प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि सांस सम्बन्धी सभी रोग सदा से सर्दी के मौसम में गर्मी के मौसम से कई गा होते हैं। वह चाहे साधारण खांसी जुकाम ब्रोंकाइटिस निमोनिया हो या इन्फ्लुएंजा हो । तो एक तो हरियाणा में एक बात प्रसिद्ध है लगभग लोकोक्ति सरीखी कि बूढा जाड़ा काढ्य गया तो एक साल और जी जाएगा तो उम्र ज्यादा होना भी इस बीमारी में मौत का कारण बनता है । एक और हरियान्वी कहावत है दूबले नै दो साढ़-असाढ़ महीने की गर्मी भयानक तो होती ही है और कमजोर आदमी को सर्दी गर्मी ज्यादा लगती ही है एक अन्य कहावत है कि गरीब की जोरू सबकी भाभी गरीबी वैसे भी अपने आप में रोग ही होता है, गरीब आदमी को पौष्टिक आहार ना मिलने से उसमें रोग से लड़ने की ताकत कम होती है। अंतिम बात बात है शरीर की इमुनिटी या प्रतिरोधक क्षमता का कम होना। सबसे पहले इस नामुराद कोविड-19 व मौसम की बात करें । मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी (टकळ) के शोधकतार्ओं द्वारा किए गए एक प्रारंभिक विश्लेषण में से पता चला कि कोरोना 3 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच के क्षेत्रों में अधिक हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध के देशों में, जहाँ 18 डिग्री सेल्सियस से ऊपर औसत तापमान में केस 6% से कम के लिए जिम्मेदार है। आइये अब आंकड़ो पर ध्यान दें सब आंकड़े 24 अप्रेल 2020 तक उऊउ अमेरिका की अधिकारिक वेब साईट से लिए गए हैं मैंने सबसे पहले अमेरिका के सात प्रान्तो ंके आंकड़ो पर गौर किया न्यूयोर्क व न्यू जर्सी जहां का तापमान वुहान, इटली स्पेन इंग्लेंड जैसा ही था तथा अमेरिका में हुई 50000 मौतों में से 31000 मौत इन्ही दो प्रान्तों में हुई हैं । न्यूयॉर्क कुल केस 263000 मृत्यु 22740 तथा न्यू जर्सी कुल केस 111880 मौत 5623 इसके मुकाबिल इन पांच राज्यों में मौसम उत्तर भारत के पंजाब हरियाणा या राजस्थान जैसा है।  कुल केस 6045 मौत 266, हवाई 601 मौत 12, फ्लोरिडा 27869 मौत 867 टेक्सास 24391 मौत 567 कैलिफोर्निया 43942 मौत 1647। चीन के आसपास देशों जहां मौसम सर्द नहीं है के आंकड़े देखिये सिंगापुर 13123 मौत 14, ताइवान 2 करोड 30 लाख आबादी में 400 केस 5 मृत्यु, मलेशिया 5820 मौत 81,जापान 11618 मौत 79। अभी तक प्राप्त शोध आंकड़ो के अनुसार मौसम रेस्पिरेटरी संकर्मण या इन्फेक्शन पर मोटे तौर तीन तरह से प्रभाव डालता है, चाहे इन्फेक्शन वायरस द्वारा हो या बैक्ट्रिया द्वारा।
1- तापमान 2 अल्ट्रा वायलेट किरणों 3 वाष्पता तापमान वायरस या बक्ट्रिया के पानी को सुखाकर उसकी जीने की क्षमता कम देता है।
2- अल्ट्रा वायलेट किरण जीव के लिए घातक होती हैं मनुष्य तक में चर्म कैंसर व पहाड़ो पर आंख के परदे रेटिना पर असर आमजन तक सर्वविदित है।
3- वाष्पता अधिक होने से क्योंकि हवा भारी हो जाती है तो खांसने छींकने पर एयरसोल अधिक दूर तक नहीं जा पाते अत: इन्फेक्शन फैलने से रोकत हैं । जिन देशों में अधिक केस व अधिक मृत्यु हुईं उनकी वृद्ध जनसंख्या पर नजर डालें।
अमेरिका में 5 करोड़ से ऊपर लोग 65 बरस से अधिक उम्र के हैं वहीं अकेले न्युयोर्क में छ: लाख सेंतालिस हजार सीनियर सिटीजन हैं जो अमेरिका के 21 राज्यों की कुल आबादी से अधिक हैं, यही नहीं यहां प्रति एकड़ आबादी भी गहन है। मरने वालों में भी गरीब अफ्रीकी मूल के लोग व हिस्पैनिक मूल के लोग हैं मैंने सबसे पहले अमेरिका के सात प्रान्तों के आंकड़ो पर गौर किया न्युयोर्क व न्यू जर्सी जहां का तापमान वुहान, इटली स्पेन इंग्लेंड जैसा ही था तथा अमेरिका में हुई 50000 मौतों में से 31000 मौत इन्ही दो प्रान्तों में हुई हैं । न्यू यॉर्क कुल केस 263000 मृत्यु 22740 तथा न्यू जर्सी कुल केस 111880 मौत 5623, इटली में 17000 ’ङ्मॅ ३ङ्म 100 वर्ष से अधिक सात लाख सताईस हजार, 90 वर्ष से अधिक में 1 करोड़ 35 लाख लोग 65 बरस से अधिक। रस्रं्रल्लझ्र 1 करोड़ 65 ८१२ ंल्ल ि25 लाख ुंङ्म५ी 80 ८१२ ढडश्एफळ न्यूयोर्क व न्यू जर्सी में मरने वाले अधिकांश लोग अफ्रीकी मूल के अश्वेत व हिस्पेनिक मूल (मेक्सिको व अन्य लातिन अमरीकी देशों) से हैं वे न केवल योरप के गोर मूल के लोगों से अधिक गरीब हैं न्यूयॉर्क में केवल 40 भारतीय मूल के लोगों की मृत्यु हुई उनमे से भी लगभग 30 टैक्सी ड्राईवर थे जो अनेक लोगों के सम्पर्क में आते ही हैं े अंतिम पक्ष जिस पर विचार आवश्यक है क्योंकि अबतक कुछ लोगों के मन में एक बात आ चुकी होगी कि योरप में तो गरीब नहीं है तो वहां इमुनिटी कम कैसे होगी। मित्रो इमुनिटी या प्रतिरोध हेतु चार बातें जरुरी हैं।

श्याम सखा ‘श्याम’
(लेखक हरियाणा साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक हैं। यह इनके निजी विचार हैं।)

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