अंबाला। आज समाज अपने इलेक्शन नॉलेज कॉलम के जरिए आप पाठकों को ऐसी रोचक बातों को बताने की कोशिश कर रहा है जिसके जरिए आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के अनछुए पहलुओं को जान सकें। इसी क्रम में आइए आज जानते हैं भारत के सबसे छोटे संसदीय क्षेत्र के बारे में।
लक्ष्यद्वीप में लोकसभा की एकमात्र सीट है। यह सीट भी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यहां पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा। 2014 के आंकड़ों के मुताबिक वोटरों की संख्या के आधार पर यह देश का सबसे छोटा संसदीय क्षेत्र है। पहली बार इस सीट पर 1967 में चुनाव हुआ था। उससे पहले यहां के प्रतिनिधि का चयन राष्ट्रपति द्वारा होता था। 1957 से 1967 तक के नल्ला कोया थांगल (कांग्रेस) यहां के सांसद थे।
1967 से 2004 तक कांग्रेस के पीएम सईद ने यहां से लगातार 8 बार चुनाव जीतकर रिकॉर्ड कायम किया था। 2004 में मात्र 71 वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 के चुनाव में यहां एनसीपी की जीत हुई। इस चुनाव में एनसीपी ने मोहम्मद फैजल को, कांग्रेस ने मोहम्मद हमदुल्ला सईद को और सीपीएम ने शेरिफ खान को मैदान में उतारा है।
2014 के आंकड़ों के मुताबिक, यहां मतदाताओं की कुल संख्या 49922 है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 24489 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 25433 है। यहां 50000 से ज्यादा मुस्लिमों की आबादी है। 2011 जनगणना के मुताबिक, 67000 की आबादी में 42000 लोग 15 साल से 59 साल के बीच हैं।
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