PM Narendra Modi should clarify the situation before the country – Ghulam Nabi Azad: देश के सामने पीएम नरेंद्र मोदी को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए- गुलाम नबी आजाद

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर राज्य और यहां हो रहीं गतिविधियां पूरे देश की नजर में हैं। हर व्यक्ति जानना चाहता है कि आखिर जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है। राज्य सरकार ने कल एडवायजरी जारी कर अमरनाथ यात्रा रोक दी और पर्यटकों को भी जम्मू-कश्मीर छोड़ने की सलाह दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर से संबंधित नीति नियोजन समूह की शुक्रवार शाम बैठक हुई जिसमें राज्य के हालात पर चिंता जताते हुए कहा गया कि इस प्रदेश को मिली संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जानी चाहिए। कांग्रेस के कई बड़े नेता आज सामने आए और उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की पृष्ठभूमि में सरकार को कोई जोखिम उठाने से बचना चाहिए और राज्य को मिली संवैधानिक गारंटी बरकरार रखना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती को लेकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मांग की कि संसद में पीएम नरेंद्र मोदी इस स्थिति के बारे में देश को जवाब दें। संसद सत्र चल रहा है पीएम मोदी देश को घाटी की स्थिति के बारे में देश को बताएं। कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर से जुड़े नीति नियोजन समूह की बैठक में हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सरकार राजनीतिक फायदे के लिए राज्य को 1989 के हालात में ले जाने की कोशिश कर रही है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, डॉक्टर कर्ण सिंह और आनन्द शर्मा की मौजूदगी में आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ”10-15 दिन पहले अर्द्धसैनिक बल के हजारों अतिरिक्त कर्मियों की कश्मीर में तैनाती की गई, जबकि आतंकी गतिविधियां कम हैं, अमरनाथ यात्रा चल रही थी और पर्यटक जा रहे थे। ऐसे में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती से चिंता पैदा हो गयी।’ उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर पहले परामर्श जारी किए गए। लेकिन शुक्रवार शाम गृह मंत्रालय की ओर से जो परामर्श जारी किया गया वो बहुत चिंताजनक है। उससे राज्य में लोग डरे हुए हैं। आजाद ने कहा, “पिछले 30 वर्षों में दर्जनों घटनाएं हुई हैं और सभी सरकारों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। लेकिन कभी किसी सरकार ने अमरनाथ यात्रा को नहीं रोका और पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर छोड़ने के लिए नहीं कहा।’ उन्होंने कहा, ” मुझे यह स्थिति 1990 की स्थिति की याद दिला रही है जब भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार द्वारा उस वक्त की राज्य सरकार की मर्जी के बिना राज्यपाल भेजने का बाद जो स्थिति पैदा हुई उसमें हजारों कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को बाहर जाना पड़ा। ” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार परामर्श भेजकर डर और कश्मीर के लोगों के खिलाफ नफरत फैला रही है। वह घाटी में गलत माहौल पैदा कर रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सद्र-ए-रियासत कर्ण सिंह ने कहा, “मैने पिछले 70 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में बहुत उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात कभी नहीं देखे। अमरनाथ यात्रा बंद कर दी गई। यह अप्रत्याशित है। शिवभक्तों को बहुत दुख हुआ होगा। समझ नहीं आ रहा है कि क्या कारण है?”
मुझे तो कोई कारण नजर नहीं आ रहा। हम अपनी ओर से चिंता प्रकट कर रहे हैं।” पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा, ”यह कहा जा रहा है कि सरकार किसी जोखिम की तैयारी कर रही है। मेरी सलाह यह होगी कि वह किसी जोखिम में न पड़े।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनन्द शर्मा ने कहा, ”जो हो रहा है वह पूरे हिंदुस्तान के लिए चिंता की बात है। कांग्रेस की तरफ से हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।”
दरअसल, गौरतलब है कि सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को घाटी में रहने की अवधि में कटौती करने का परामर्श जारी किया है। सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

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