Aaj Samaj (आज समाज), Former Maldives Vice-President, माले: मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति और पर्यटन मंत्री रहे अहमद अदीब ने कहा है कि भारत हमारा अच्छा मददगार है और मालदीव सरकार के मंत्रियों ने जो हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणियां की हैं उन पर यहां की सरकार को माफी मांगनी चाहिए। मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, जो भी घटनाक्रम हुआ है यह बिल्कुल नहीं होना चाहिए था। जिन तीन उपमंत्रियों ने पीएम मोदी और भारतीयों पर टिप्पणी की है वह किसी हालत में स्वीकार्य नहीं है।
भारत और मालदीव के बहुत पुराने रिश्ते
अदीब ने कहा कि भारत और मालदीव के रिश्ते बहुत पुराने हैं और नई सरकार को यह बात समझनी चाहिए। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर इस घटनाक्रम के बाद भारत के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और मालदीव की सरकार को चाहिए कि भारत से माफी मांगे। इसके अलावा मालदीव के राष्ट्रपति को व्यक्तिगत तौर पर पीएम मोदी से बात भी करनी चाहिए। हालांकि, सरकार ने बयानबाजी करने वाले मंत्रियों को सस्पेंड तो कर दिया है।
हमारे देश के पर्यटन में भारत का मार्केट पहले नंबर पर
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, हमारे देश के पर्यटन में भारत का मार्केट पहले नंबर पर है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद भारत में जिस तरीके से बॉयकॉट करना शुरू किया है उससे हमारे देश के पर्यटन पर बुरा प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। मालदीव के लग्जरी रिसॉर्ट और फ्लाइट्स की बुकिंग कैंसल होने लगी हैं और यह सब केवल राजनीति की वजह से हो रहा है।
चीन दौरे पर मालदीव के राष्ट्रपति, उठे सवाल
मालदीव सरकार के तीन उप मंत्रियों और नेताओं की पीएम मोदी के लिए की गई बयानबाजी से छह दशक से ज्यादा पुराने भारत और मालदीव के रिश्ते उस नाजुक मोड़ पर आ गए हैं, जिसने न केवल मालदीव की सियासत में उथल-पुथल मचाई है, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था भी डांवाडोल होने के कगार पर आ गई। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के करीबी हैं और इस वक्त वह चीन के दौरे पर भी है। तो सवाल उठने लगे हैं कि क्या घटनाक्रम के पीछे चीन का हाथ है। दो महीने पहले मुइज्ज ने बतौर मालदीव राष्ट्रपति शपथ ली है।
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