9 Years Of Modi Government: प्रतिबद्ध विकास और नवाचार के नौ वर्ष : मनोहर लाल

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9 Years Of Modi Government
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल

Aaj Samaj (आज समाज), 9 Years Of Modi Government, चंडीगढ़: कोरोना सरीखी खौफनाक महामारी और वैश्विक आर्थिक मंदी की आहटों के बीच भी नवाचार के जरिये प्रतिबद्ध और सतत विकास से नरेंद्र मोदी सरकार ने साबित कर दिया है कि इरादा नेक और संकल्प अटल हो तो कुछ भी असंभव नहीं। विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत आजादी के छह दशक बाद भी किस तरह चुनौतियों से घिरा थायह किसी से छिपा नहीं है।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जनादेश के बाद जब नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में सत्तारूढ़ हुई, तब देश में निराशा का माहौल था।

2014 का सत्ता परिवर्तन व्यवस्था परिवर्तन भी था

अनेक घोटालों के खुलासे के बाद तत्कालीन संप्रग सरकार जिस तरह नीतिगत जड़ता की शिकार हो कर रह गई थी, उससे खासकर युवाओं में अपने वर्तमान और भविष्य को ले कर हताशा बढ़ती जा रही थी, इसलिए वर्ष 2014 का सत्ता परिवर्तन दरअसल व्यवस्था परिवर्तन भी था, जो देश को निराशा-हताशा के अवसाद से निकाल सके। विशाल देश में यह काम आसान नहीं था, लेकिन चुनाव प्रचार के पहले से ही मोदी विकास के गुजरात मॉडल पर चर्चा करते हुए देशवासियों में यह विश्वास जगाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके थे कि भारत के सामर्थ्य पर संदेह नहीं करना चाहिए।

देश के लोग ईमानदार और मेहनतकश

भारत के लोग मूलत: ईमानदार और मेहनतकश हैं। उनको सही नेतृत्व और माहौल मिले तो वह दुनिया की बड़ी-से-बड़ी चुनौती से पार पाने में समर्थ हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने पहला बड़ा काम यही किया कि देशवासियों में उनके सामर्थ्य के प्रति विश्वास जगाया और फिर विकास प्रक्रिया में उन्हें भागीदार भी बनाया। छोटी पहल भी कितने बड़े परिणाम दे सकती है, स्वच्छता तथा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान इसके उदाहरण हैं। सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी-जवाबदेही से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन इतिहास गवाह है कि बड़े सामाजिक बदलाव समाज की सहभागिता से ही आते हैं।

पीएम मोदी ने गांधी जयंती पर देशवासियों से स्वच्छता अभियान का आहृवान किया

प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी जयंती पर जब देशवासियों से स्वच्छता अभियान का आहृवान किया, तब शायद कम लोग उनके मन की बात समझ पाये होंगे, लेकिन स्वच्छता के प्रति बढ़ती जागरूकता, जन भागीदारी और बेहतर रैंकिंग के लिए शहरों के बीच स्पर्धा उसके चमत्कारिक प्रभाव का प्रमाण है। हरियाणा समेत कुछ राज्यों में बिगड़ता लैंगिक अनुपात लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने इस गंभीर समस्या के समाधान में सामाजिक भागीदारी की अनूठी पहल की और सुखद परिणाम सामने हैं।

अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से भ्रष्टाचार पर लगा अंकुश

बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बावजूद बैंकिंग व्यवस्था हमारे यहां खासकर गरीब ग्रामीणों के लिए सपना ही बनी रही, लेकिन मोदी सरकार की जन धन योजना ने अचानक तस्वीर बदल दी। इस योजना की सफलता और इसके वांछित परिणामों का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इसके तहत खोले गये बैंक खातों की संख्या 49 करोड़ तक पहुंचने वाली है। जन धन योजना तो एक उदाहरण है।

जन कल्याणकारी योजनाओं को नयी गति प्रदान की

मोदी सरकार के अभी तक के नौ वर्ष के कार्यकाल में जिस तरह अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण किया गया है, उसने जन कल्याणकारी योजनाओं को नयी गति प्रदान करते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इस पारदर्शी बदलाव का ही परिणाम है कि आज विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधा पैसा जा रहा है, उन्हें किसी के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रही। काले धन तथा उससे पोषित आतंकवाद और नशे के कारोबार के खात्मे के लिए नोटबंदी सरीखा साहसिक कदम उठाया गया तो एक देश-एक कर की अवधारणा को साकार करने के लिए अरसे से लंबित जीएसटी लागू किया गया।

स्वरोजगार के नए द्वार खोले गए

विभिन्न कारणों से घटते सरकारी रोजगारों के मद्देनजर स्टार्ट अप और मुद्रा लोन के जरिये स्वरोजगार के नए द्वार खोले गए हैं, जो रोजगार के नये अवसर सृजित करने के अलावा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये बेघरों को घर मिल रहा है, तो सौभाग्य योजना के जरिये उसमें उजाला भी हो रहा है। उज्ज्वला योजना से गरीब की रसोई में भी गैस पहुंची है और उन्हें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक धुएं से मुक्ति मिली है।

आयुष्मान भारत के जरिये स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित

आयुष्मान भारत के जरिये सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। यह नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्ववाली भाजपा सरकार की जन कल्याणकारी प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि गांव, गरीब, कृषि और किसान को भी समग्र विकास यात्रा में सहभागी बनाया गया है। किसान सम्मान राशि सीधे किसानों के खाते में जा रही है। कोरोना काल से शुरू लगभग 80 करोड. गरीबों को मुफ्त राशन की व्यवस्था आज भी जारी है।

मोदी सरकार के कोरोना से मुकाबले की विदेशों में तारीफ

आलोचना करना आसान होता है, पर मोदी सरकार ने कोरोना महमारी का जिस तरह मुकाबला किया, उसकी विकसित देशों तक में प्रशंसा हुई। त्वरित गति से कोरोना की भारतीय वैक्सीन विकसित करना और विशाल आबादी को चरणबद्ध ढंग से वैक्सीन लगाना सरकार की दृढ. संकल्प शक्ति और चिकित्सा क्षेत्र के समर्पण भाव से ही संभव हो पाया। हमने अपने देशवासियों को ही वैक्सीन नहीं लगायी, बल्कि वसुधैव कुटुंबकम् की अपनी संस्कृति के अनुरूप दूसरे देशों को भी वैक्सीन दी। देश की दशा और दिशा बदलनेवाले और भी कदम इन नौ सालों में उठाये गये हैं। धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जा आजादी के सात दशक बाद भी एक देश में दो विधानवाली पीड़ा दायक स्थिति थी। मोदी सरकार ने उसकी समाप्ति की वैचारिक प्रतिबद्धता को निभाया।

सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब

मुस्लिम बहिनों को तीन तलाक जैसी अमानवीय प्रथा से निजात भी इसी दौरान मिली। दूसरे देशों में प्रताड.ना से पलायन को मजबूर हुए हिंदू, सिख,जैन, पारसी, बौद्ध और इसाईयों को सीएए के जरिये भारतीय नागरिकता देने की पहल की गयी है तो सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब से बता दिया गया है कि यह नया भारत है, जो घर में घुस कर भी मारना जानता है। हमने अतीत में विकसित देशों की दादागिरी झेली है, लेकिन अब भारत की छवि ऐसे वैश्विक नेता की बन गयी है कि रूस-यूक्रेन युद्ध समेत हर संकट में विकसित देश भी हमारी ओर आशाभरी निगाहों से देखते हैं। वस्तुत:
मोदी सरकार के नौ वर्ष के कार्यकाल में भारत विश्व गुरू की अपनी पुरानी पहचान पुन: पाने की दिशा में तेजी से बढा. है। विश्वासपूर्वक कहा जा सकता है कि देशवासियों के सजग-सक्रिय सहयोग से यह सफर आगे भी जारी रहेगा।

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