अचीवर्स प्रोग्राम स्टोरी ऑफ द चैंपियन गुरदासपुर का 53वां एडिशन सफलतापूर्वक संपन्न

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सामुदायिक सांझ को मजबूत करने के लिए हर एक नागरिक डाले योगदान
गगन बावा, गुरदासपुर:
अचीवर्स प्रोग्राम स्टोरी ऑफ द चैंपियन ऑफ गुरदासपुर के 53वें में एडिशन में मुख्य मेहमान के तौर पर कर्नल जगजीत सिंह साही तहसील हैड जीओजी बटाला ने शिरकत की। इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इशफाक, डीईओ हरपाल सिंह संधावालिया, जिला लोक संपर्क अधिकारी हरजिंदर सिंह कलसी, जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव राजीव कुमार सहित विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल, टीचर और स्टूडेंट्स ने भाग लिया।
असफलता से कभी ना घबराएं :
इस मौके पर कर्नल साही ने कहा कि जो कौम अपने शहीदों को याद रखती है, वह हमेशा जिंदा रहती है और देश की एकता व अखंडता के लिए सेना ने हमेशा अहम रोल निभाया है। उन्होंने कहा कि आपसी सांझ को मजबूत करने के लिए हर नागरिक को आगे आना चाहिए और देश की मजबूती के लिए योगदान देना चाहिए। उन्होंने युवाओं को देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित करते कहा कि हर व्यक्ति के पास 24 घंटे होते हैं इसलिए समय को सही ढंग से मेनेज करना चाहिए और असफलता से घबराना नहीं चाहिए ‌‌।
मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू होगा: 
डीसी मोहम्मद इशफाक ने कहा कि अचीवर्स प्रोग्राम शुरू करने का उद्देश्य युवाओं को जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि लगातार चल रहे प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को सीखने के लिए बहुत कुछ मिलता है और उनकी सुविधा के लिए मेंटरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी। इसके माध्यम से बच्चे अपने मेंटर का चुनाव कर उनसे गाइडेंस ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि गुरदासपुर जिले में काबिलियत की बहुत भरमार है और जिले के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में काफी नाम कमाया है।
अच्छी किताबें जरूर पढ़ें:
पहले अचीवर डीआईजी राणा युद्धवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने प्राथमिक शिक्षा शकरगढ़ डीएवी स्कूल गुरदासपुर, सैनिक स्कूल कपूरथला से पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा जीएनडीयू श्री अमृतसर से प्राप्त की। इसके बाद इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस मोहाली से मैनेजमेंट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी की डिग्री पास की। साल 1992 में आईटीबीपी में ज्वाइन किया। अब डीआईजी ऑपरेशन नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर आइटीबीपी ईटानगर अरुणाचल प्रदेश में सेवाएं निभा रहे हैं। उन्होंने डीसी की ओर से शुरू किए अचीवर प्रोग्राम की सराहना करते कहा कि अपने आप में शानदार प्रयास है, जो जिले जिले के लोगों के लिए कीमती सौगात है। उन्होंने स्टूडेंट को कहा कि अगर दिन की शुरुआत बढ़िया हो तो सारा दिन बढ़िया रहता है। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की ट्रेनिंग के तीन मुख्य पहलू होते हैं। अपनी सुबह की रूटीन में एक डायरी जरूर लिखें और जो विचार आपके मन में आता है उसे लिखें, परमात्मा को याद करें और कसरत करें। सिलेबस के अलावा भी अच्छी किताबें पढ़ें। असफलता से घबराए न और अपने सपने पूरे करने के लिए पूरी मेहनत से काम करें‌। उन्होंने मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू करने का सुझाव देते कहा कि इससे बच्चों को बहुत लाभ मिलेगा।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं:
दूसरे अचीवर डॉक्टर जेपी सिंह सैनी एमडी मेडिसिन डीएम गैस्ट्रोलॉजी ने बताया कि उन्होंने दसवीं कक्षा सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल काहनूवान बाहरवीं बैरिंग कॉलेज बटाला से करने के बाद सरकारी मेडिकल कॉलेज श्री अमृतसर में एमबीबीएस पास की। इसके बाद एमडी जनरल मेडिसिन की। जीबी पंत पोस्टग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च नई दिल्ली से डीएम गैस्ट्रोलॉजी की। अब मोहाली के एक अस्पताल में एमडी मेडिसिन डीएम गैस्ट्रोलॉजी के तौर पर सेवाएं निभा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और लगातार मेहनत करके हम सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं। समय का सही प्रयोग करने से कभी हार नहीं होती। सेहत का ध्यान रखें, रोजाना कसरत करें और फास्ट फूड से दूर रहें। उन्होंने कहा नवमी, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा का बच्चों के जीवन में बहुत महत्त्व है, इसलिए बच्चों को पूरी मेहनत और लगन से पढ़ाई करनी चाहिए।
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