गुरदासपुर : 6 महीने के लंबे इंतजार के बाद 22 मृतकों को मिलेगा मोक्ष

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गगन बावा, गुरदासपुर :
गुरदासपुर की मानव कर्म मिशन संस्था लगातार समाज भलाई के कार्यों को अंजाम देती आ रही है। अब संस्था ने एक अनूठा प्रयास शुरू किया है। संस्था की ओर से कोरोना के कारण मृत तीन लावारिस लोगों और 19 अन्य लावारिस शवों की अस्थियां प्रवाहित करने का फ?ैसला किया है। इन लावारिस शवों को अब 6 महीने बाद हरिद्वार के कनखल में मोक्ष की प्राप्ति होगी। हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक मानव कर्म मिशन संस्था ट्रेन से हरिद्वार के लिए रवाना हो गई है। संस्था के इस कार्य की प्रशंसा करने के लिए पंजाब एसएस बोर्ड के चेयरमैन रमन बहल भी विशेष तौर पर पहुंचे।
बटाला रोड स्थित श्मशानघाट में रखी थी अस्थियां:
मानव कर्म मिशन संस्था की ओर से पिछले 6 महीने में करीब 22 लावारिस शवों की अस्थियों को बटाला रोड स्थित श्मशान भूमि में रखा गया था। इनमें से 3 की मौत कोरोना के कारण हुई थी, जबकि बाकी अन्य कारणों से काल का ग्रास बने थे, जिनका मिशन के सदस्य हिंदू रीति रिवाज से हरिद्वार में मोक्ष कराएंगे।
कोरोना में लगातार कराए संस्कार :
कुछ माह पहले कोरोना से लगातार मौतें हो रही थीं, लेकिन संक्रमण के डर से मरने वालों के संस्कार में कोई नहीं जाता था। ऐसे में मानव कर्म मिशन संस्था के सदस्य राजकुमार, संदीप अबरोल आदि लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना ऐसे लोगों के संस्कार करवाए।
परिवार को सताता था संक्रमण का डर :
मानव कर्म मिशन संस्था के सदस्यों ने बताया कि जब कोरोना वायरस से मरने वाले मरीज का संस्कार करके वे घर वापस आते थे तो फिर परिवार से भी किनारा कर लेते था। हर समय यही दुआ करते थे कि घर में बुजुर्ग, बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य भी होते हैं, जो इस बीमारी से बचे रहें। ऐसे में माहौल में परिवार का डर वाजिब था, लेकिन संस्था के सदस्यों ने अपना हौसला बुलंद रखा और इस काम में जुट गए।
सदस्य भी हो गए थे संक्रमित :
संदीप अबरोल ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद संस्कार करवाने के दौरान संस्था के सदस्य भी संक्रमित हो गए थे। उन्हें सेहत विभाग ने घरों में ही क्वारंटाइन कर दिया था, लेकिन बाद में प्रभु की कृपा से सभी सदस्य कोरोना हिदायतों का पूरी तरह से पालन करते हुए स्वस्थ हो गए।
11वां अस्थि विसर्जन :
संस्था के सदस्यों ने बताया कि 11वीं अस्थि विसर्जन यात्रा गुरदासपुर से हरिद्वार के लिए रवाना हुई है। उन्होंने कहा कि इस बार लोगों द्वारा दान में दी गई 800 चादर हरिद्वार में गरीब लोगों को दान की जाएंगी, जबकि संस्था की तरफ से वहां पर 200 लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था भी होगी। उन्होंने बताया कि संस्था के सदस्य सुबह कनखल उसके बाद कुशा घाट के बाद हर की पौड़ी आदि में स्नान करने के बाद लोगों को लंगर कराएंगे।

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