हंगामे के चलते टली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक

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राहुल की टीम की थी पूरी तैयारी
अजीत मैंदोला

नई दिल्ली।कांग्रेस में अभी सब कुछ ठीक नही चल रहा है।यही वजह रही कि शनिवार को होने वाली कार्यसमिति की बैठक को स्थगित कर दिया गया।सूत्रों की माने तो इस बैठक में दो प्रमुख एजेंडों पर काम होना था।एक तो सोनिया गांधी के कार्यकाल को बढ़ाने पर कार्यसमिति मोहर लगा देती।हालांकि पार्टी के संविधान के मुताबिक सोनिया गांधी तब तक इसी पोस्ट में यूं बनी रह सकती हैं जब तक कि पार्टी के अगले चुनाव की समय सीमा नही आ जाती।दूसरा सदस्यता अभियान में तेजी लाने की बात होनी थी।ऐसा कर पार्टी कार्यकर्ताओं को सन्देश एक तो सन्देश देती कि अध्य्क्ष पद पर कोई बदलाव नही हो रहा है।दूसरा संगठन को सक्रिय किया जाता।बाकी बैठक में मौजूदा हालात पर मोदी सरकार पर हमला किया जाता।लेकिन अचानक बैठक को स्थगित कर दिया गया।अब यह बैठक नई तारीख में होगी।

  स्थगित करने को लेकर सूत्रों से जो कहानी सामने आ रही है वह इस तरह से है।वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा की जाने वाली इस बैठक में पहली बार स्थाई ओर विशेष आमंत्रित सदस्यों को भी शामिल होना था।राहुल गांधी लगातार दो बैठकों में वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर रहे।एक तो पिछली कार्यसमिति की बैठक में।दूसरा राज्यसभा सांसदों की बैठक में।अब रणनीति बनाई गई कि इस बार की बैठक में अगर राहुल पर हमला किया जाता है तो उनके समर्थक सदस्य जोरदार बचाव करेंगे।क्योंकि पिछले कुछ दिनों में पुराने नेताओ ने सोनिया से मिल पार्टी के गिरते ग्राफ पर चिंता जताई थी।इसलिये बैठक में भी इसके हालात बनते दिख रहे थे।क्योंकि मेन 22 सदस्यों की कार्यसमिति में पुराने नेताओं का बोलबाला है।सोनिया गांधी के साथ बाकी सदस्य हैं राहुल गांधी,प्रिंयका गांधी,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,गुलाम नवी आजाद,अहमद पटेल,एके एंटनी,ओमन चांडी,अंबिका सोनी,हरीश रावत,मोतीलाल वोरा,लुजियानो फलियोरियो,रघुवीर मीणा,तरुण गोगई,मुकुल वासनिक,अधीर रंजन चौधरी,मल्लिकार्जुन खड़गे,ताम्रध्वज साहू,अजय माकन आनंद शर्मा,गईकणगमा,केसी वेणुगोपाल जैसे नेता है।इनमें अधिकांश सोनिया गांधी के करीबी और सीनियर नेता हैं।इसलिये इस बार तय हुआ कि स्थाई ओर विशेष आमंत्रित सदस्यों को भी बैठक में जोड़ा जाये।इनमें राहुल की युवा टीम का बोलबाला है।अग्रिम संगठनों के भी सदस्य हैं। यह युवा टीम इस बार राहुल पर हमला होते ही जोरदार बचाव करती ।इससे बैठक में हंगामा तय था।सूत्रों का कहना है कि इस स्थिति का आभास होते ही बैठक को फिलहाल स्थगित कर दिया गया।हालांकि बैठक को लेकर पार्टी की तरफ से कोई अधिकृत जानकारी नही दी गई।लेकिन तैयारी पूरी थी।
जहाँ तक सोनिया गांधी के अंतरिम अध्य्क्ष पद का सवाल है तो पार्टी संविधान के मुताबिक वह 2022दिसम्बर तक यूं ही बनी रह सकती हैं।क्योंकि पार्टी का अगला चुनाव 5साल बाद 2022 दिसम्बर में होना है।राहुल को 2017 में पार्टी का अध्य्क्ष बनाया गया था।उस समय पार्टी ने अपने संविधान में बदलाव कर अध्य्क्ष का कार्यकाल 3 साल से बढ़ा कर 5 साल कर दिया था।राहुल ने 20 माह बाद ही 2019 में अध्य्क्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।फिर 10 अगस्त 2019 में सोनिया अंतरिम अध्य्क्ष बनी।उस समय चुनाव आयोग में पार्टी ने नए अध्य्क्ष के चुने जाने तक सोनिया ही अध्य्क्ष रहेंगी का पत्र दिया था।हालांकि पार्टी फिर पत्र देगी।लेकिन तमाम तरह की अटकलों पर विराम लगाने के लिये कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी के बने रहने पर मोहर लगाने की औपचारिकता होनी थी।समाप्त
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